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PM मोदी के रिव्यू मीटिंग में 30 मिनट देरी से पहुंची CM ममता बनर्जी, बताई ये वजह

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य में चक्रवात यास से हुई तबाही और बर्बादी का लेख-जोखा पर मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री मोदी  को एक रिपोर्ट सौंपी है.

Updated on: 28 May 2021, 04:36 PM

कोलकाता :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) शुक्रवार को यास साइक्लोन (Cyclone Yaas) से प्रभावित इलाकों का एरियल सर्वे करने पश्चिम बंगाल पहुंचे. यहां उन्होंने एक रिव्यू मीटिंग में हिस्सा लिया. लेकिन इस मीटिंग में पीएम मोदी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ को करीब 30 मिनट इंतजार करना पड़ा. सरकारी सूत्रों ने दावा किया है कि पीएम और राज्यपाल ने रिव्यू मीटिंग में शामिल होने के लिए बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का 30 मिनट तक इंतजार किया. इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर कहा कि टकराव का ये रुख राज्य या लोकतंत्र के हित में नहीं है. सीएम और अधिकारियों द्वारा गैर-भागीदारी संवैधानिकता या कानून के शासन के अनुरूप नहीं है.

वहीं, सीएम ममता बनर्जी का कहना है कि उन्होंने दीघा रवाना होने से पहले पीएम को जमीनी स्थिति से अवगत करा दिया. उन्होंने कहा कि हिंगलगंज और सागर में समीक्षा बैठक करने के बाद, मैं कलाईकुंडा में पीएम से मिली और उन्हें पश्चिम बंगाल में चक्रवात के बाद की स्थिति से अवगत कराया. जानकारी के लिए आपदा रिपोर्ट उनको सौंपी गई है. सीएम ममता ने कहा कि मैं अब दीघा में राहत और बहाली कार्य की समीक्षा करने के लिए आगे बढ़ रही हूं. पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य में चक्रवात यास से हुई तबाही और बर्बादी का लेख-जोखा पर मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री मोदी  को एक रिपोर्ट सौंपी है.

बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और तीन लाख मकान क्षतिग्रस्त हो गए. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि चक्रवात के कारण राज्य 'सबसे अधिक' प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति की दुर्घटनावश मौत हो गई. लगभग पूरे पश्चिम बंगाल में पानी भर गया है. कई तटबंध टूट गए हैं और समुद्र का पानी दक्षिण 24 परगना के सागर एवं गोसाबा जैसे क्षेत्रों और पूर्व मिदनापुर के मंदारमणि, दीघा और शंकरपुर जैसे तटीय क्षेत्रों में घुस गया है. निचले इलाकों में व्यापक क्षति हुई है.

सीएम ममता बनर्जी ने ये भी कहा है कि त्रासदी में राज्य को करीब 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व और कृषि भूमि को ध्यान में रखते हुए सारी गणना की गयी है. उन्होंने कहा, 'हमें जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण करने की आवश्यकता है क्योंकि ज्यादातर स्थान पानी में डूबे हुए हैं. इसमें (वित्तीय आंकलन में) अभी कुछ समय लगेगा.'