CM ममता बनर्जी बोलीं- बंगाल में कोरोना के केस हुए कम, लेकिन...
देश में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए वैक्सीनेशन जोर-शोर से चल रहा है. इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने गुरुवार को कहा कि राज्य में कोविड के मामले (Covid-19) घटकर आधे हो गए हैं.
नई दिल्ली:
देश में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए वैक्सीनेशन जोर-शोर से चल रहा है. इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) ने गुरुवार को कहा कि राज्य में कोविड के मामले (Covid-19) घटकर आधे हो गए हैं. हमारी सरकार ने बंगाल की जनता को 1.4 करोड़ टीके मुफ्त दिए है. कोरोना वायरस को लेकर कई राज्यों ने लॉकडाउन लगा दिया, लेकिन हमने अपने राज्य में सिर्फ कुछ प्रतिबंध लागू किए हैं. सरकार के इस फैसले पर लोगों ने हमारा समर्थन भी किया है.
ममता ने बंगाल में 15 जून तक बढ़ाया लॉकडाउन
आपको बता दें कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास से प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा के अलावा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की कि महामारी के मद्देनजर राज्य में लगाए गए प्रतिबंध अगले 15 दिनों तक जारी रहेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार 15 जून को फिर से स्थिति की समीक्षा करेगी.
राज्य सरकार के साथ सहयोग करने के कारण कोविड संक्रमण दर धीमी होने पर लोगों को बधाई देते हुए ममता ने कहा, "हालांकि संक्रमण दर कम हो गई है, राज्य सरकार ने प्रतिबंधों को अगले 15 दिनों तक जारी रखने का फैसला किया है. हम शुक्रगुजार हैं कि लोगों ने हमारा साथ दिया और हमें अच्छे नतीजे मिलने लगे हैं, लेकिन मैं लोगों से आग्रह करती हूं कि वे थोड़ी देर और कष्ट सहें. हम 15 जून को स्थिति की समीक्षा करेंगे और फिर आगे की कार्रवाई तय करेंगे."
मुख्यमंत्री ने जूट और निर्माण श्रमिकों के लिए कुछ छूट की घोषणा भी की. उन्होंने कहा, "पंजाब से कई अनुरोध किए गए हैं और इसलिए हमने जूट उद्योग में कार्यबल को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने का फैसला किया है, लेकिन उन्हें सभी कोविड मानदंडों का पालन करना होगा. निर्माण श्रमिक भी काम पर जा सकते हैं बशर्ते वे उचित टीकाकरण हो. नियोक्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे अपने कर्मचारियों को निजी स्थानों से टीकाकरण करें. यदि उन्हें टीका लगाया जाता है तो वे काम में शामिल हो सकते हैं."
मुख्यमंत्री ने कहा, "बाकी शर्ते, जैसा कि पहले घोषित किया गया था, प्रबल होंगी." राहत और बचाव कार्य से जुड़े अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में ममता ने कहा कि सरकार ने राहत उपायों के लिए 1,000 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है, लेकिन उन्होंने आगाह किया कि पैसा सही लाभार्थियों तक जाना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने 'दुआरे सरकार' योजना के बारे में बताते हुए कहा, "3 जून से 18 जून तक प्रभावित ब्लॉकों और ग्राम पंचायतों में राहत शिविर होंगे, जहां लोग आएंगे और विवरण देते हुए अपना पंजीकरण कराएंगे. उनके व्यक्तिगत और बैंक विवरण के साथ उनकी क्षति का ब्योरा भी दर्ज होगा." उन्होंने कहा कि 'दुआरे सरकार' की तरह 'दुआरे राहत' सेवा भी चलेगी.
ममता ने कहा, "सरकार अगले 15 दिनों के लिए - 16 जून से 30 जून तक - सभी आवेदनों का निरीक्षण करेगी और लाभार्थियों की सूची बनाएगी. लाभार्थियों की सूची तैयार होने के बाद, राज्य वित्त विभाग नुकसान के अनुसार धन का वितरण शुरू करेगा. क्षति का आकलन प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर तैयार किया जाएगा. 8 जुलाई तक समस्त संवितरण प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी. धनराशि सीधे हितग्राहियों के खाते में भेजी जाएगी, बीच में कोई नहीं होगा."
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