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सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने नारदा केस में चारों टीएमसी नेताओं को दी जमानत

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सीबीआई (CBI) ने सत्तारूढ़ टीएमसी (TMC) पार्टी के 4 नेताओं को 17 मई की सुबह ही पूछताछ के लिए उनके घरों पर छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद दिन भर इन नेताओं से पूछताछ चली.

Updated on: 17 May 2021, 07:46 PM

highlights

  • चारो टीएमसी नेताओं को सीबीआई कोर्ट ने दी जमानत
  • पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर लाए गए थे टीएमसी नेता
  • टीएमसी नेताओं के साथ सीएम ममता बनर्जी भी पहुंची थी दफ्तर

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सीबीआई (CBI) ने सत्तारूढ़ टीएमसी (TMC) पार्टी के 4 नेताओं को 17 मई की सुबह ही पूछताछ के लिए उनके घरों पर छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद दिन भर इन नेताओं से पूछताछ चली. सोमवार की शाम को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (CBI Special Court) ने इन चारो टीएमसी नेताओं को जमानत पर छोड़ दिया. इसके पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की लगातार तीसरे साल सीएम पद की शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद ही सूबे के राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankar) ने नारदा घोटाले के आरोपियों पर केस चलाने की मंजूरी सीबीआई को दे दी थी. 

सीबीआई ने नारदा घोटाले मामले में तृणमूल कांग्रेस के मंत्री फिरहाद हाकिम, सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर सोवन चटर्जी को गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार, सीबीआई टीम फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, सोवन चटर्जी और मदन मित्रा को लेकर सीबीआई दफ्तर पहुंची. बताया गया कि इन चारों नेताओं को नारदा घोटाले में पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर लाया गया. इस दौरान फिरहाद हकीम ने कहा कि मुझे नारदा घोटाले में गिरफ्तार किया जा रहा है. हालांकि सीबीआई ने गिरफ्तारी के आरोप से इनकार करते हुए कहा कि हमने किसी भी मंत्री या विधायक या किसी नेता को गिरफ्तार नहीं किया है.

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पिछले दिनों ही सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी. ये सभी उस समय मंत्री थे, जब कथित नारद स्टिंग टेप सामने आया था. चुनाव के तुरंत बाद राज्यपाल ने सीबीआई को इजाजत दे दी थी.तृणमूल कांग्रेस की नेता डोला सेन ने इस पूरे एक्शन को बदले की कार्रवाई बताया. डोला सेन ने कहा कि सीबीआई ने बिना स्पीकर की परमिशन के विधायक, मंत्री को गिरफ्तार किया है, कोई भी कानून नहीं मान रहा है. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री की बंगाल में हार हुई है, इसलिए अब ये बंगाल में बदले की कार्रवाई कर रहे हैं.

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गौरतलब है कि स्टिंग ऑपरेशन टेप 2016 में सामने आया था. बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारदा स्टिंग टेप सार्वजनिक किए गए थे. नारद न्यूज के संपादक मैथ्यू सैमुअल द्वारा यह स्टिंग ऑपरेशन किया गया था, जो इसके लिए एक व्यापारी के रूप में सामने आए थे. इस स्टिंग में आईपीएस अधिकारी के साथ ही तृणमूल कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को कथित तौर पर फायदा पहुंचाने के बदले में नकद रुपये लेते हुए देखा गया था. कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस स्टिंग फुटेज मामले में प्रारंभिक जांच करने के आदेश दिए थे.