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sandeshkhali( Photo Credit : social media)
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि, तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां को फौरन गिरफ्तार किया जाना चाहिए. बता दें कि शाहजहां पर पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में कई महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने का आरोप है. इसके साथ ही अदालत ने गौर किया कि, तमाम घटनाएं चार साल पहले दर्ज की गई थीं, जिसपर कथित निष्क्रियता के लिए अदालत ने अधिकारियों को फटकार भी लगाई. उच्च न्यायालय ने कहा, "यह जानना आश्चर्यजनक है कि क्षेत्र में घटनाओं की सूचना राज्य पुलिस को चार साल पहले दी गई थी, मामलों को 42 आरोपपत्रों में परिपक्व होने में चार साल लग गए."
अदालत ने आगे कहा कि, ''एक गलत धारणा बनाई गई है जैसे कि, गिरफ्तारी पर रोक का अंतरिम आदेश दिया गया है. यह कहने के लिए रिकॉर्ड पर कुछ भी नहीं है कि इस तरह की रोक लागू है. इसलिए उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए.''
अदालत ने अधिकारियों से यह भी कहा कि वे अखबारों में सार्वजनिक नोटिस जारी कर बताएं कि शेख शाहजहां के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. धारा 144 के तहत प्रतिबंध के बावजूद नेताओं के इलाके में जाने पर कोर्ट ने पूछा, 'जब लोग उत्तेजित हैं तो सैकड़ों लोगों के वहां जाने की क्या जरूरत है?' बता दें कि इस मामले में सुनवाई 4 मार्च को भी जारी रहेगी.
गौरतलब है कि, इस महीने की शुरुआत में कई महिलाओं द्वारा तृणमूल नेता शाजहान शेख और उनके समर्थकों पर "यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने" का आरोप लगाने के बाद संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने कहा कि उसे टीएमसी नेता और उनके सहयोगियों के खिलाफ आदिवासी परिवारों से "यौन शोषण और भूमि हड़पने" की 50 शिकायतें मिली हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अशांत क्षेत्र से लगभग 1,250 शिकायतें मिली हैं, जिनमें 400 भूमि मुद्दों से संबंधित हैं.
बता दें कि, 5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों पर भीड़ के हमले के बाद से शाहजहां गायब है. इस क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों में आगजनी और तोड़फोड़ के साथ कई हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं. सोमवार को हिंसा के एक नए दौर में, महिला प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने तृणमूल कांग्रेस नेता शंकर सरदार के घर में तोड़फोड़ की है.
Source : News Nation Bureau