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कलकत्ता HC ने 19 नेताओं-मंत्रियों की आय का विवरण मांगा, ED को भी जोड़ा

याचिकाकर्ता के कानूनी वकील शमीम अहमद ने कहा था, इतने सालों के बाद पहली सुनवाई हुई और मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने निर्देश दिया कि इस मामले में ईडी को पक्ष बनाया जाए. यही हमारी मांग थी. हम चाहते हैं कि ईडी उन सभी की आय से अधिक संपत्ति की जांच करे.

Updated on: 09 Aug 2022, 03:30 PM

highlights

  • कलकत्ता हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
  • अब नेताओं-मंत्रियों की संपत्तियों पर होगी नजर
  • ईडी करेगी आय और जमा धन की जांच

कोलकाता:

कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) की एक खंडपीठ ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पश्चिम बंगाल में सात मौजूदा मंत्रियों सहित तृणमूल कांग्रेस (TMC) के 19 शीर्ष नेताओं की संपत्ति और संपत्ति के विवरण के बारे में एक जनहित याचिका में एक पक्ष होने का निर्देश दिया. मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने टीएमसी विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की संपत्ति में वृद्धि को लेकर याचिकाकर्ता बिप्लब रॉय चौधरी द्वारा 2017 में दायर एक जनहित याचिका पर कार्रवाई करते हुए यह निर्देश दिया.

लिस्ट में इन बड़े नेताओं के नाम शामिल

जनहित याचिका में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु, राज्य के नगरपालिका मामलों के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम, राज्य के कानून मंत्री मलॉय घटक, राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रियो मलिक, राज्य के सहकारिता मंत्री अरूप रॉय, राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद अहमद खान और पंचायत मामलों के राज्य मंत्री सेउली साहा के नाम हैं. इसके अलावा पश्चिम बंगाल कैबिनेट के दो मृतक मंत्री-राज्य के पूर्व पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी और राज्य के पूर्व सहकारिता मंत्री साधन पांडे भी सूची में हैं. सूची में पश्चिम बंगाल विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी और बैरकपुर लोकसभा सांसद अर्जुन सिंह का भी नाम है. सिलीगुड़ी नगर निगम के तृणमूल कांग्रेस के मेयर गौतम देब, विधायक मदन मित्रा और स्वर्णकमल साहा, और राज्य के पूर्व वित्त मंत्री और पश्चिम बंगाल सरकार के वर्तमान प्रमुख वित्तीय सलाहकार, अमित मित्रा को भी नामित किया गया है.

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14 सितंबर को मामले में अगली सुनवाई

याचिकाकर्ता के कानूनी वकील शमीम अहमद ने कहा था, इतने सालों के बाद पहली सुनवाई हुई और मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने निर्देश दिया कि इस मामले में ईडी को पक्ष बनाया जाए. यही हमारी मांग थी. हम चाहते हैं कि ईडी उन सभी की आय से अधिक संपत्ति की जांच करे. वे काला धन वसूल कर सकते हैं. हमें आयकर विभाग पर भरोसा नहीं है. मामले में अगली सुनवाई 14 सितंबर को है. कोर्ट का ये फैसला पार्थ चटर्जी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए जाने और शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में कथित तौर पर उनसे जुड़ी कई संपत्तियों से भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान बरामद किए जाने के बाद आया है. (रिपोर्ट-तापस सेन गुप्ता)