कोलकाता के शाहीन बाग में CAA विरोधियों ने पूछा, क्या हम यहां के नागरिक नहीं हैं?

जकारिया स्ट्रीट में हाल में हुए इस तरह की रैली में हिस्सा लेने के बाद व्यवसायी ने कहा कि उन्होंने महानगर के नये पक्ष का पता लगाया है क्योंकि दूसरे समुदाय से कई लोग विवादित कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने समूहों में आए.

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Sushil Kumar
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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ महानगर में प्रदर्शन का आयाम बढ़ गया है और कई लोगों ने देश में हाल में हुई सामाजिक- राजनीतिक गतिविधियों को लेकर दूसरे समुदाय के अपने दोस्तों से बात करना बंद कर दिया. उन्हीं में एक हैं बेनियापुकुर इलाके के कपड़ा व्यवसायी मुजफ्फर अली जो कुछ ‘‘संवेदनशील मुद्दों’’ पर दूसरे समुदाय के अपने दोस्तों से बात करने में हिचक रहे थे और ‘‘खुद को अलग-थलग’’ महसूस कर रहे थे. अली अब सीएए विरोधी रैलियों में हिस्सा लेते हैं और पार्क सर्कस इलाके में महिलाओं द्वारा किए जा रहे अनिश्चितकालीन प्रदर्शन में भाग लेते हैं.

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नये नागरिकता कानून के खिलाफ इसे कोलकाता का ‘शाहीन बाग’ बताया जा रहा है. जकारिया स्ट्रीट में हाल में हुए इस तरह की रैली में हिस्सा लेने के बाद व्यवसायी ने कहा कि उन्होंने महानगर के नये पक्ष का पता लगाया है क्योंकि दूसरे समुदाय से कई लोग विवादित कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने समूहों में आए. प्रदर्शनकारी निरूफा खातून ने कहा, ‘‘मेरा यहां जन्म हुआ. मेरे परदादा का यहां जन्म हुआ. विभाजन के दौरान मेरे पूर्वजों ने भारत में रहना पसंद किया क्योंकि यह हमारी मातृभूमि है.’’ पार्क सर्कस में सीएए और एनपीआर के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर करीब 30 महिलाएं सात जनवरी से धरने पर बैठी हैं. 

Source : Bhasha

CAA Protest kolkata caa
      
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