ममता बनर्जी के लिए 'विशेष अनुरोध', भवानीपुर उपचुनाव पर खड़ा हुआ विवाद
बंगाल सरकार के 'विशेष अनुरोध' के कारण भवानीपुर (Bhawanipur) निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराया जा रहा है. चुनाव आयोग ने शनिवार को भवानीपुर में उपचुनाव और दो अन्य विधानसभा क्षेत्रों मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज और जंगीपुर में चुनाव की तारीख की घोषणा
highlights
- बंगाल सरकार के 'विशेष अनुरोध' के कारण भवानीपुर में उपचुनाव
- आयोग की अधिसूचना में इस शब्द से उपजा राजनीतिक विवाद
- मुख्य सचिव किसी विशेष निर्वाचन क्षेत्र का अनुरोध नहीं कर सकता
कोलकाता:
भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के चुनाव लड़ने की संभावना है. विवाद आयोग की अधिसूचना से उपजा है, जहां सर्वोच्च निर्वाचन निकाय ने राज्य के मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी का हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार के 'विशेष अनुरोध' के कारण भवानीपुर (Bhawanipur) निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव कराया जा रहा है. चुनाव आयोग ने शनिवार को भवानीपुर में उपचुनाव और दो अन्य विधानसभा क्षेत्रों मुर्शिदाबाद जिले के समसेरगंज और जंगीपुर में चुनाव की तारीख की घोषणा की. इन तीनों सीटों पर 30 सितंबर को मतदान होगा और 3 अक्टूबर को मतगणना होगी.
चुनाव आयोग ने दिया मुख्य सचिव का हवाला
चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव एच.के. द्विवेदी का हवाला देते हुए शनिवार को अपनी अधिसूचना में कहा, 'उन्होंने (मुख्य सचिव) कहा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के तहत, एक मंत्री जो लगातार छह महीने की अवधि के लिए राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं है' उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं बने रहेंगे और सरकार में शीर्ष कार्यकारी पदों में एक संवैधानिक संकट और शून्य होगा जब तक कि चुनाव तुरंत नहीं होते.' उन्होंने यह भी सूचित किया है कि प्रशासनिक जरूरतों और जनहित को देखते हुए और राज्य में शून्य से बचने के लिए 159-भवानीपुर, कोलकाता के लिए उपचुनाव कराए जा सकते हैं, जहां से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ने की इच्छा रखती हैं.
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राजनीतिक हलकों में छिड़ी बहस
अधिसूचना के अनुसार, 'मुख्य सचिवों से संबंधित राज्यों और संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के इनपुट और विचारों को ध्यान में रखते हुए, आयोग ने अन्य 31 विधानसभा क्षेत्रों और 3 संसदीय क्षेत्रों में उप-चुनाव नहीं कराने और संवैधानिक आवश्यकता और विशेष अनुरोध पर विचार करने का निर्णय लेते हुए पश्चिम बंगाल राज्य ने 159-भवानीपुर एसी में उपचुनाव कराने का फैसला किया है.' अधिसूचना ने तुरंत राजनीतिक हलकों में बहस का मुद्दा बना दिया. भाजपा नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा, 'चुनाव आयोग और भाजपा के बीच कोई समझ नहीं है. क्या चुनाव आयोग यह बता पाएगा कि देश में 31 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं? राज्य के मुख्य सचिव हरे कृष्णा द्विवेदी ने चुनाव आयोग को लिखा कि अगर भवानीपुर में उपचुनाव नहीं हुआ तो राज्य में संवैधानिक संकट होगा. वह यह नहीं लिख सकते. छह और निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव नहीं हो रहे हैं. हम इसे एक मुद्दा बनाएंगे.'
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मुख्य सचिव विशेष निर्वाचन क्षेत्र का अनुरोध नहीं कर सकता
तृणमूल युवा नेता देबांशु भट्टाचार्य ने कहा, 'हम सभी जगहों पर चुनाव चाहते थे लेकिन चुनाव आयोग ने केवल भवानीपुर में चुनाव कराने का फैसला किया. चुनाव आयोग एक स्वायत्त प्रशासनिक निकाय है और वे अपने निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं. तृणमूल कांग्रेस आयोग को कैसे प्रभावित कर सकती है? हमारी इसमें कोई भूमिका नहीं है. जहां भी चुनाव होगा हम जीतेंगे.' राजनीतिक विशेषज्ञों की राय है कि एक मुख्य सचिव किसी विशेष निर्वाचन क्षेत्र के लिए अनुरोध नहीं कर सकता है. राजनीतिक विशेषज्ञ विश्वनाथ चक्रवर्ती ने कहा, 'राज्य के मुख्य सचिव होने के नाते, वह यह नहीं कह सकते. उन्हें ममता बनर्जी को जीत की ओर ले जाने की जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है. उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है और उनके लिए यह जानना तकनीकी रूप से असंभव है कि उम्मीदवार कौन होगा.'
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