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पश्चिम बंगाल BJP कार्यालय के पास बम पाया जाना बड़ी साजिशः विजयवर्गीय

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के करीब में बम का पाया जाना एक बड़ी साजिश हो सकती है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लोकतंत्र में बिलकुल भी भरोसा नहीं है वो किसी भी तरह से पश्चिम बंगाल में विपक्ष को नष्ट करना चाहती हैं.

Updated on: 06 Jun 2021, 03:32 PM

highlights

  • बीजेपी ऑफिस के बाहर बम पाया जाना बड़ी साजिश
  • विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के भाई के खिलाफ साजिश
  • ममता सरकार को लोकतंत्र में भरोसा नहीं: विजयवर्गीय

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी कार्यालय के करीब में बम का पाया जाना एक बड़ी साजिश हो सकती है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लोकतंत्र में बिलकुल भी भरोसा नहीं है वो किसी भी तरह से पश्चिम बंगाल में विपक्ष को नष्ट करना चाहती हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि यह बीजेपी के खिलाफ साजिश है. आपको बता दें कि शनिवार को पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यालय के बाहर बम बरामद किया गया था. भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को ये बात सुवेंदु अधिकारी और उनके भाई के खिलाफ प्राथमिकी पर कही है. 

आपको बता दें कि इसके पहले शनिवार को टीएमसी से बीजेपी मेें आए कद्दावर नेता और पश्चिम बंगाल विधान सभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के करीबी राखल बेरा को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.  सुवेंदु अधिकारी के करीबी सहयोगी राखल बेरा को धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पिछले टर्म में सुवेंदु अधिकारी सिंचाई और जलमार्ग मंत्री थे. आरोप है की उस समय राखल बेरा ने सिंचाई और जलमार्ग मंत्रालय में नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगा था. आरोप है कि बोरा ने नौकरी का झांसा देकर 2 लाख रुपये लिए लेकिन उनकी नौकरी नहीं लगवाई.

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सुवेंदु अधिकारी के करीबी सहयोगी राखल बेरा को मानिकतला पुलिस ने सुजीत डे नामक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए, कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, एक आरोपी राखल बेरा को मानिकतला पुलिस स्टेशन द्वारा फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले में गिरफ्तार किया गया है.

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कोलकाता पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी राखल बेरा ने कथित तौर पर जुलाई और सितंबर 2019 के बीच चंचल नंदी और अन्य के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और एक नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने वाला रैकेट चलाया. शिकायतकर्ता सुजीत डे ने नौकरी की तलाश में दोनों से संपर्क किया, दोनों ने कथित तौर पर डे को सिंचाई और जलमार्ग मंत्रालय में नौकरी दिलाने का वादा किया और 2 लाख रुपये ठग लिए.