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मेरे ऊपर अटैक हुआ, गालियां दी गईं...टाला जाए भवानीपुर चुनाव: दिलीप

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल के भवानीपुर में होने जा रहे उपचुनाव को टालने की मांग की है. दिलीप घोष ने कहा कि हमें प्रचार नहीं करने दिया जा रहा है. हम मतदाताओं तक नहीं पहुंच पा रहे हैं

Updated on: 27 Sep 2021, 05:41 PM

नई दिल्ली:

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने पश्चिम बंगाल के भवानीपुर में होने जा रहे उपचुनाव को टालने की मांग की है. दिलीप घोष ने कहा कि हमें प्रचार नहीं करने दिया जा रहा है. हम मतदाताओं तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में चुनाव कराने का कोई मतलब नहीं रह गया है. दिलीप घोष ने कहा कि आज मैं जब भवानीपुर में प्रचार कर रहा था, तब टीएमसी कार्यकर्ताओं ने मुझे गंदी गंदी गालियां देनी शुरू कर दी. मैं वैक्सीनेशन केंद्र पर कुछ लोगों से बात कर रहा था, तो कुछ लोग आए और मुझे घेर लिया. भीड़ के रूप में आए लोगों ने मेरे साथ धक्का मुक्की शुरू कर दी.

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इस दौरान हमारे एक कार्यकर्ता को बुरी तरह से पीटा गया.मेरे ऊपर भी हमला किया गया. जब मेरे सुरक्षाकर्मियों ने यह सब रोकने का प्रयास किया था. उन्होंने हमलावरों को डराने के लिए अपनी बंदूकें निकाल लीं. लोगों ने अर्जुन सिंह ​को भी घेर लिया और वापस जाओ के नारों के साथ उसको क्षेत्र से वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया. भाजपा नेता ने कहा कि चुनाव आयोग को इसकी पूरी जानकारी है. हमने एक नहीं कई बार दिल्ली और कोलकाता में चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है. बावजूद इसके, सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए. प्रचार के दौरान जब हमें मतदाताओं से ही नहीं मिलने दिया जा रहा तो चुनाव कराने का क्या फायदा? लोग लगातार डर के माहौल में जी रहे हैं.

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भवानीपुर विधानसभा सीट उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को दक्षिण कोलकाता क्षेत्र में 30 सितंबर को होने वाले चुनाव से पहले तनाव बढ़ गया. यहां तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को कथित तौर पर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया, जब वह प्रियंका टिबरेवाल के लिए प्रचार कर रहे थे. यहां हालात इतने बिगड़ गए कि इलाके में बंदूकें भी तन गईं. बता दें कि टिबरेवाल ममता बनर्जी के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं. ये घटना भवानीपुर इलाके में जादूबाबर बाजार (जादू बाबू का बाजार) के पास हुई जहां तृणमूल समर्थकों ने घोष का रास्ता रोक दिया और उन्हें सड़क के किनारे धकेल दिया. समर्थकों ने भाजपा के "जय श्री राम" का मुकाबला करने के लिए ममता बनर्जी द्वारा गढ़ा गया एक नारा "जॉय बांग्ला" देना शुरू कर दिया और वापस जाने के लिए चिल्लाने लगे. इस दौरान घोष के निजी सुरक्षा गार्डो और तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों के बीच हाथापाई हुई और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पहरेदारों को बंदूक तानते देखा गया. घोष को घेर लिया गया और वहां से ले जाया गया. हाथापाई में एक भाजपा समर्थक घायल हो गया.