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TMC में 'घुटन' पर इस्तीफा देने वाले दिनेश त्रिवेदी को BJP ने दिया ये ऑफर

पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा से इस्तीफा देकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका दिया है.

Updated on: 12 Feb 2021, 04:18 PM

highlights

  • दिनेश त्रिवेदी ने तूणमूल कांग्रेस से दिया इस्तीफा
  • पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर बीजेपी-टीएमसी आमने-सामने
  • बीजेपी बोली- एक और नेता को टीएमसी में सम्मान नहीं मिला

नई दिल्ली:

West Bengal Election: पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा से इस्तीफा देकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) को बड़ा झटका दिया है. राज्यसभा के फ्लोर पर ही नाटकीय अंदाज में सदन से इस्तीफे की घोषणा करने वाले दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने कहा कि तूणमूल कांग्रेस (TMC) में उन्हें घुटन हो रही है. उनके इस्तीफे के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले 2015 में भी दिनेश त्रिवेदी के भगवा दल में शामिल होने की अफवाहें फैली थीं. ऐसे में फिर से एक बार यह चर्चा तेज है कि टीएमसी में क्या घुटन महसूस करने वाले दिनेश त्रिवेदी को बीजेपी में 'ऑक्सीजन' मिल सकती है? इस पर भाजपा के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बीजेपी में उनका स्वागत करने की बात कही है.

दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे देने के बाद पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों की सेवा करने वाले एक नेता को टीएमसी में सम्मान नहीं मिला. अगर वह भाजपा में आते हैं तो उनका हम स्वागत करेंगे. विजयवर्गीय ने आगे कहा कि साल भर पहले मुझे दिनेश त्रिवेदी हवाई अड्डे पर मिले थे तो तब उन्होंने कहा था बहुत खराब स्थिति है और मैं काम नहीं कर पा रहा हूं. उन्होंने तूणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. 

भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने आगे कहा कि अगर वे (दिनेश त्रिवेदी) बीजेपी में आएंगे तो हम उनका स्वागत करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, पिछले एक महीने से दिनेश त्रिवेदी बीजेपी के संपर्क में थे और उन्होंने भगवा दल में एंट्री के इरादे से ही राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है. दिनेश त्रिवेदी ने इस्तीफा देते हुए राज्यसभा में कहा कि हर इंसान के जीवन में एक घड़ी आती है, जब उसको उसकी अंतरआत्मा की आवाज सुनाई देती है. मेरे लाइफ में भी ऐसी घड़ी आई थी. उन्होंने आगे कहा कि देश बड़ा है या पक्ष. आज देखते हैं कि जब देश की परिस्थिति क्या है. पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है.