कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की यह मांग
राजीव कुमार का कहना था कि राज्य में वकीलों की हड़ताल है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट उनकी गिरफ्तारी पर 24 मई तक के लिए लगाई रोक को और बढ़ा दे.
highlights
- गिरफ्तारी पर रोक को आगे बढ़ाने की मांग वाली अर्जी पर बेंच के गठन से इंकार
- रजिस्ट्री ने राजीव कुमार के वकील को बताया कि सुनवाई इस हफ्ते सम्भव नहीं है
- राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक की मियाद शुक्रवार को हो रही है खत्म
नई दिल्ली:
सारधा चिट फंड केस में पश्चिम बंगाल के आईपीएस अधिकारी और कोलकाता के पूर्व कमिश्नर राजीव कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर 24 मई तक लगी रोक को आगे बढ़ाने की मांग वाली अर्जी पर सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच के गठन से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने राजीव कुमार के वकील को बताया कि उनकी अर्ज़ी पर सुनवाई इस हफ्ते सम्भव नहीं है. शुक्रवार को गिरफ्तारी पर लगी रोक की मियाद खत्म हो रही है. राजीव कुमार का कहना था कि राज्य में वकीलों की हड़ताल है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट उनकी गिरफ्तारी पर 24 मई तक के लिए लगाई रोक को और बढ़ा दे.
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए राजीव कुमार ने कहा कि पश्चिम बंगाल में वकीलों की हड़ताल के कारण उन्हें थोड़ा और समय दिया जाए. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बताया था कि राजीव कुमार को 5 फरवरी को गिरफ्तारी से संरक्षण दिया गया था, जो 17 मई से लेकर अगले सात दिनों तक प्रभावी रहेगा, ताकि वह राहत के लिए सक्षम अदालत जा सकें. प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने अपने फैसले में सीबीआई से कहा कि वह इस मामले में कानून के अनुसार काम करें.
आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार के वकील ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक, अगले 7 दिन तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा. न्यायमूर्ति खन्ना ने फैसले का मुख्य अंश सुनाते हुये कहा, 'हमने 5 फरवरी को राजीव कुमार को प्रदान किया गया संरक्षण वापस ले लिया हैं.'
इसके पहले निर्वाचन आयोग ने पिछले बुधवार को राजीव कुमार को, जो उस समय पश्चिम बंगाल में सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक पद पर तैनात थे, हटाने का आदेश दिया था, क्योंकि वह राज्य में हिंसा की घटनाओं पर काबू पाने में कथित रूप से नाकाम रहे थे. आयोग ने उन्हें गुरुवार को केन्द्रीय गृह मंत्रालय में रिपोर्ट करने को कहा था. कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाओं के बाद आयोग ने राजीव कुमार के साथ ही पश्चिम बंगाल के प्रमुख सचिव (गृह) अत्री भट्टाचार्य को भी पद से हटाने का आदेश दिया था.
राजीव कुमार सारधा चिट फंड घोटाले की जांच के लिये गठित पश्चिम बंगाल के विशेष जांच दल के प्रमुख थे. मई, 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जिसके बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मांगी कि वो राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है. क्योंकि सीबीआई को कुछ ऐसे सबूत हाथ लगे थे जिनसे ये पता चलता था कि राजीव कुमार ने इस मामले में कुछ बड़े लोगों को बचाने के लिए सबूतों से छेड़छाड़ की है या फिर सबूतों को नष्ट किया है.
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