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ममता को झटका, ऐन चुनाव से पहले बंगाल के डीजीपी हटाए गए

चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से साफ निर्देश दिया गया है कि डीजीपी वीरेंद्र को चुनावों से जुड़े किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कार्य की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी.

Updated on: 10 Mar 2021, 03:39 PM

highlights

  • चुनाव आयोग ने प. बंगाल के डीजीपी को हटाया
  • चुनाव से जुड़े किसी कार्य की जिम्मेदारी भी नहीं
  • बीजेपी पहले ही शिकायत कर चुकी थी अफसरों की

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार को बड़ा झटका दिया है. आयोग ने प्रदेश के डीजीपी (DGP) वीरेंद्र का तबादला कर दिया है. अब उनकी जगह आईपीएस पी नीरजनयन को नियुक्त किया गया है. चुनाव आयोग का यह कदम आगामी चुनाव के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है. चुनाव आयोग (Election Commission) की तरफ से साफ निर्देश दिया गया है कि डीजीपी वीरेंद्र को चुनावों से जुड़े किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कार्य की जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी. चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य में चुनावी तैयारियों की स्थिति की समीक्षा के बाद ही इस तरह के फैसले लिए गए हैं. बता दें कि डीजीपी वीरेंद्र 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं वहीं नीरजनयन 1987 बैच के हैं.

राजनीतिक संग प्रशासनिक उलटफेर का साक्षी बन रहा बंगाल
इन विधानसभा चुनावों से ऐन पहले राजनीतिक हलचल के साथ प्रशासनिक उलटफेर भी हो रहे हैं. अफसरों के व्यवहार बरताव पर पुख्ता सूचना मिलते ही निर्वाचन आयोग फौरन सख्ती दिखा रहा है. निर्वाचन चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि तबादला होने के बाद भी वीरेंद्र को चुनाव से जुड़ी कोई भी जिम्मेदारी ना दी जाए. चुनाव आयोग ने इसके साथ ही सीबीडीटी को भी ये निर्देश दिया है कि वह तमिलनाडु में सेवारत आईआरएस अधिकारी केजी अरुण राज का तबादला कर उनको तत्काल प्रभाव से सीबीडीटी मुख्यालय में भेजे. गौरतलब है कि बीजेपी पहले ही चुनाव आयोग में शिकायत कर चुकी है कि राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए ममता सरकार के प्रति निष्ठा रखने वाले अधिकारियों को हटाना जरूरी है.  

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ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से भरा नामांकन
बुधवार को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से नामांकन दाखिल कर दिया. गुरुवार को शुवेंदु अधिकारी बतौर बीजेपी प्रत्याशी नामांकन दाखिल करेंगे. गौरतलब है कि बंगाल में लाल किला ध्वस्त करने के लिए ममता बनर्जी ने शुवेंदु अधिकारी के साथ ही नंदीग्राम से आंदोलन शुरू किया था. ऐसे में नंदीग्राम का चुनावी समर देश भर की सियासी जानकारों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में मतदान होने जा रहा है. 27 मार्च को पहले चरण का मतदान होगा. एक अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान, छह अप्रैल को तीसरे चरण का, 10 अप्रैल को चौथे फेज का मतदान, 17 अप्रैल को पांचवे फेज का मतदान, 22 अप्रैल को छठे चरण का मतदान, 26 अप्रैल को सातवें चरण का मतदान और 29 अप्रैल को आखिरी चरण का मतदान और दो मई को परिणाम आएंगे.