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चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार बंगाल के कारोबारी को 3 दिन की सीबीआई हिरासत

करोड़ों रुपये के संमार्ग सहकारी चिटफंड घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने मंगलवार की रात कारोबारी संजय सिंह को गिरफ्तार किया था. पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले की एक अदालत ने बुधवार को संजय सिंह को केंद्रीय एजेंसी की तीन दिनों की हिरासत में भेज दिया. संजय को तृणमूल कांग्रेस के नेता राजू शाहनी का करीबी बताया जा रहा है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उसी चिट फंड इकाई के साथ कथित संलिप्तता के कारण 2 सितंबर को तृणमूल नेता राजू शाहनी को गिरफ्तार किया था और उनके कब्जे से 80 लाख रुपये बरामद किए गए थे. शाहनी तृणमूल के हलिसहर नगर पालिका, उत्तर 24 परगना जिले के अध्यक्ष हैं.

Updated on: 27 Oct 2022, 10:11 AM

कोलकाता:

करोड़ों रुपये के संमार्ग सहकारी चिटफंड घोटाले के सिलसिले में सीबीआई ने मंगलवार की रात कारोबारी संजय सिंह को गिरफ्तार किया था. पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले की एक अदालत ने बुधवार को संजय सिंह को केंद्रीय एजेंसी की तीन दिनों की हिरासत में भेज दिया. संजय को तृणमूल कांग्रेस के नेता राजू शाहनी का करीबी बताया जा रहा है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उसी चिट फंड इकाई के साथ कथित संलिप्तता के कारण 2 सितंबर को तृणमूल नेता राजू शाहनी को गिरफ्तार किया था और उनके कब्जे से 80 लाख रुपये बरामद किए गए थे. शाहनी तृणमूल के हलिसहर नगर पालिका, उत्तर 24 परगना जिले के अध्यक्ष हैं.

बुधवार को सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि संजय सिंह संमार्ग कोऑपरेटिव द्वारा चलाए जा रहे एक स्थानीय टेलीविजन चैनल के प्रभारी थे और इस वजह से वह पोंजी इकाई के संस्थापक सौम्यरूप भौमिक के बेहद करीबी थे, जो इस समय फरार है और भौमिक के ठिकाने के बारे में पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की जरूरत है.

अदालत ने सीबीआई के वकील की दलीलों को स्वीकार करते हुए संजय सिंह को सीबीआई हिरासत में भेज दिया. पता चला है कि सीबीआई के अधिकारी उसे बुधवार रात को ही एजेंसी के मध्य कोलकाता स्थित निजाम पैलेस कार्यालय में वापस लाएंगे और इस मामले में उससे पूछताछ शुरू करेंगे.

शाहनी को गिरफ्तार करने के बाद सीबीआई ने बैंकॉक में उनके द्वारा रखे गए एक बैंक खाते का पता लगाया और प्रारंभिक जांच से पता चला है कि चिटफंड इकाई से इस बैंक खाते में बड़ी राशि स्थानांतरित की गई थी.

सीबीआई ने तब अदालत को यह भी बताया कि शाहनी ने बैंकॉक में बैंक खाता संमार्ग कोऑपरेटिव के फरार संस्थापक भौमिक के साथ संयुक्त रूप से रखा था. इसने यह भी दावा किया कि इसकी जांच से कुछ सबूत मिले हैं कि शाहनी ने एक समय में भौमिक को उनके आवास पर सुरक्षित आश्रय प्रदान किया था.

सूत्रों ने कहा कि यह मानने के पर्याप्त कारण थे कि चिट फंड से प्राप्त आय का एक हिस्सा संजय सिंह द्वारा संचालित कई व्यवसायों में भी निवेश किया गया था.