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बंगाल विधानसभा सत्र के पहले दिन ही हंगामा, हिंसा को लेकर बीजेपी का हल्ला बोल

बंगाल विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ. चुनाव के बाद प्रदेश में हुई हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने ममता सरकार पर हल्ला बोला. वहीं, राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अभिभाषण के दौरान आज पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने भारी हंगामा किया.

Updated on: 02 Jul 2021, 03:33 PM

highlights

  • बंगाल विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ
  • चुनाव के बाद प्रदेश में हुई हिंसा को लेकर बीजेपी ने ममता सरकार पर हल्ला बोला
  • राज्यपाल के अभिभाषण में पश्चिम बंगाल में चल रही हिंसा के बारे में उल्लेख नहीं था

 

 

कोलकाता:

बंगाल विधानसभा सत्र के पहले ही दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ. चुनाव के बाद प्रदेश में हुई हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने ममता सरकार पर हल्ला बोला. वहीं, राज्यपाल जगदीप धनखड़ के अभिभाषण के दौरान आज पश्चिम बंगाल विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने भारी हंगामा किया. इस दौरान विधायकों ने जय श्री राम के नारे भी लगाए और चुनाव बाद हुई हिंसा के प्रति विरोध दर्ज करते हुए विधानसभा से बाहर आ गए. विपक्ष के हंगामे की वजह से राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना भाषण बीच में ही समाप्त करना पड़ा.

विधानसभा सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पूरी तरह से नहीं पढ़ पाने के बाद उसे सदन में मेज पर रख दिया और वहां से निकल गये. राज्यपाल के सदन से बाहर निकलने के दौरान उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी थी. बाद में, संवाददाताओं से बात करते हुए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विधायक प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो गये थे क्योंकि विधायकों के बीच वितरित की गई अभिभाषण की प्रति में चुनाव बाद हुई हिंसा का कोई जिक्र नहीं था.

सदन में नेता प्रतिपक्ष और भारतीय जनता पार्टी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि आज से विधानसभा सत्र शुरू हुआ है और राज्यपाल के अभिभाषण में पश्चिम बंगाल में चल रही हिंसा के बारे में उल्लेख नहीं था इसलिए हम लोगों ने विधानसभा में प्रदर्शन किया. उनके अभिभाषण में कोलकाता में हुए फर्जी वैक्सीनेशन के बारे में भी उल्लेख नहीं है. 

वहीं, मीडिया से बात करते हुए विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि‌ भारतीय जनता पार्टी विधायक प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो गए थे, क्योंकि विधायकों के बीच वितरित की गई अभिभाषण की प्रति में चुनाव बाद हुई हिंसा का कोई जिक्र नहीं था. उन्होंने कहा कि यदि हिंसा को लेकर कोई जिक्र रहता तो भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दल के रूप में अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करती.