बाबुल सुप्रियो ने लोकसभा की सदस्यता से दिया इस्तीफा, मोदी-शाह को दिया धन्यवाद

बाबुल सुप्रियो ने कई बार कहा था कि जिस पार्टी से वे इस सीट पर विजयी हुए, उस पार्टी के अब सदस्य नहीं हैं, ऐसे में सांसद नहीं रहना चाहते हैं.

बाबुल सुप्रियो ने कई बार कहा था कि जिस पार्टी से वे इस सीट पर विजयी हुए, उस पार्टी के अब सदस्य नहीं हैं, ऐसे में सांसद नहीं रहना चाहते हैं.

author-image
Pradeep Singh
New Update
BABUL SUPRIYO 1

बाबुल सुप्रियो, टीएमसी नेता( Photo Credit : NEWS NATION)

भाजपा के पूर्व नेता बाबुल सुप्रियो ने मंगलवार को यहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया. लोकसभा अध्यक्ष से मिलने के बाद सुप्रियो ने कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और पार्टी प्रमुख को मुझ पर जताए गए भरोसे के लिए धन्यवाद देता हूं. मेरा मानना है कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तो मुझे अपने लिए सीट नहीं रखनी चाहिए. बाबुल सुप्रियो ने लोकसभा की सदस्यता से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया. बाबुल सुप्रियो ने एक महीने पहले भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था. जिसके बाद मंगलवार को उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है.

Advertisment

सुप्रियो ने अपने प्रति विश्वास व्यक्त करने के लिये पूर्व पार्टी भाजपा को आभार प्रकट किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मुलाकात कर इस्तीफा देने के बाद बाबुल सुप्रियो ने संवाददताओं सं कहा, ‘‘मेरा दिल भारी है क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक जीवन भाजपा से शुरू किया था. मैं प्रधानमंत्री, पार्टी अध्यक्ष और अमित शाह को धन्यवाद देता हूं उन्होंने मुझमे विश्वास दिखाया.’’

यह भी पढ़ें: शिल्पा-राज कुंद्रा ने शर्लिन चोपड़ा पर ठोका मानहानि का केस, मांगा 50 करोड़ रुपये का हर्जाना

इसी के साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, ‘‘मैंने पूरी तरह से राजनीति छोड़ दी थी। मैंने सोचा कि अगर मैं पार्टी का हिस्सा नहीं हूं तब मुझे सीट नहीं रखनी चाहिए. ’’

यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब पश्चिम बंगाल के आसनसोल से दो बार के सांसद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के दो दिन बाद 20 सितंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर समय मांगा था ताकि वे सदन से औपचारिक रूप से इस्तीफा दे सकें.

publive-image

बाबुल सुप्रियो ने कई बार कहा था कि जिस पार्टी से वे इस सीट पर विजयी हुए, उस पार्टी के अब सदस्य नहीं हैं, ऐसे में सांसद नहीं रहना चाहते हैं.

उन्होंने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी पर भी हमला बोला और कहा कि वह कुछ महीने पहले तक तृणमूल कांग्रेस के अभिन्न अंग थे, लेकिन राजनीति के अलावा वे एक दोस्त रहे हैं. जाहिर तौर पर उन्हें राजनीतिक रूप से मेरे बारे में बहुत कठोर बातें करनी पड़ती हैं, लेकिन उन्हें अपने पिता और भाई को सांसद की सीटों से इस्तीफा देने की सलाह देनी चाहिए क्योंकि वे अब तृणमूल के साथ नहीं हैं.

सुप्रियो ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पार्टी में शामिल करने के लिए उनकी प्रशंसा की.

18 सितंबर को तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद, सुप्रियो ने यह स्पष्ट कर दिया था कि सांसद बने रहना अनैतिक होगा क्योंकि वह भाजपा के टिकट पर आसनसोल के सांसद चुने गए थे. उन्होंने कहा था कि स्पीकर से मिलने के बाद वह इस्तीफा दे देंगे.

सुप्रियो ने 2014 और 2019 में दो बार आसनसोल संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की. वह नरेंद्र मोदी कैबिनेट में केंद्रीय राज्य मंत्री भी बने, लेकिन फेरबदल के दौरान उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया.

उसके बाद उन्होंने राजनीति छोड़ने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ ही दिनों में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए.

HIGHLIGHTS

  • सुप्रियो ने 2014 और 2019 में दो बार आसनसोल संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की
  • बाबुल सुप्रियो ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी पर भी हमला बोला 
  • सुप्रियो ने अपने प्रति विश्वास व्यक्त करने के लिये पूर्व पार्टी भाजपा को आभार प्रकट किया
Babul Supriyo resigns lok sabha speaker om birla membership of Lok Sabha
      
Advertisment