logo-image

CAA के खिलाफ रैली में बोलीं आइशी घोष- देश को सबसे बड़ा खतरा RSS-BJP से, क्योंकि...

जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने शुक्रवार को आरएसएस-भाजपा को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया और छात्रों से आग्रह किया कि वे विश्वविद्यालयों में जगह पाने की

Updated on: 14 Feb 2020, 06:56 PM

नई दिल्ली:

जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने शुक्रवार को आरएसएस-भाजपा को देश के लिए सबसे बड़ा खतरा करार दिया और छात्रों से आग्रह किया कि वे विश्वविद्यालयों में जगह पाने की "फासीवादी ताकतों" की योजना को नाकाम करें. आइशी घोष कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय में छात्र संगठन एसएफआई की एक रैली को संबोधित कर रही थीं.

यह भी पढ़ेंःमहाराष्ट्र: MNS अध्यक्ष राज ठाकरे बोले- न तो मेरी नीति और न ही मेरा झंडा बदला, क्योंकि...

इस दौरान आइशी घोष ने कहा कि भाजपा उच्च शिक्षण संस्थानों में उदार वातावरण में मुक्त बहस की अवधारणा को चुनौती दे रही है. इस रैली का आयोजन विश्वविद्यालय में होने वाले छात्र संघ चुनाव लड़ रहे अपने उम्मीदवारों के समर्थन में तथा विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में किया गया था. उन्होंने कहा कि भगवा ताकतों और एबीवीपी ने 2017 से कई बार जेएनयू में जगह बनाने का प्रयास किया, लेकिन उसके छात्रों के प्रतिरोध को देखते हुए पीछे हट गए थे.

उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके (एबीवीपी) सामने तनिक भी नहीं झुकें. इस देश को बचाने के लिए उनकी चुनौती का सामना करें. मौजूदा समय में आरएसस-भाजपा को "देश का सबसे बड़ा खतरा" बताते हुए घोष ने कहा कि किसी को भी ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जो जिनसे उन्हें मदद मिल सके. घोष 13 फरवरी से शहर में सीएए के खिलाफ कई प्रदर्शनों में शामिल हो चुकी हैं.

बता दें कि इससे पहले जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने विवादित बयान दिया था. आइशी घोष ने कश्मीर के बारे में बोलते हुए कहा था कि हम इस लड़ाई में कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा था कि ये कश्मीर के हक की लड़ाई है, इससे पीछे नहीं हटा जा सकता है. हमारे संघर्ष के बीच हम कश्मीर को नहीं भूल सकते हैं. वहां के लोगों के साथ जो हो रहा है वो गलत है. हम हर मंच से उनके हक की बात करेंगे.

यह भी पढ़ेंःपीएम नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को जाएंगे वाराणसी, महाकाल एक्सप्रेस को दिखाएंगे हरी झंडी

उन्होंने आगे कहा था कि कश्मीर को अलग करते हुए हम आंदोलन नहीं जीत सकते हैं. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है उसमें हम कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते हैं. कश्मीर से ही संविधान में छेड़छाड़ शुरू हुई है. कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद से केंद्र सरकार वहां पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी. जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट, मोबाइल फोन, लैंडलाइन सेवाओं पर पाबंदी लगाई गई थी, जिसके बाद अब हालात सामान्य होने की वजह से इन सेवाओं को बहाल किया जा रहा है.