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बिहार और उत्तर प्रदेश के बाद अब बंगाल के मालदा जिले में गंगा नदी में तैरते मिले दो शव

कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में एक के बाद एक कई शव के पाए जाने के बाद काफी हंगामा मचा था.  अब इसी तरह का मामला पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मानिक चौक इलाके से भी समान आ रहा है.

Updated on: 05 Jun 2021, 08:52 PM

कोलकाता :

कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश और बिहार में गंगा नदी में एक के बाद एक कई शव के पाए जाने के बाद काफी हंगामा मचा था.  अब इसी तरह का मामला पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मानिक चौक इलाके से भी समान आ रहा है.  मानिक चौक के भूतनी इलाके के कोलाघाट स्थित गंगा नदी के किनारे शनिवार को स्थानीय लोगों ने दो शव को पानी मे देखा. बाद में इसकी सूचना मानिक चक थाना पुलिस को दी गई. पुलिस मौके पर पहुंचकर दोनों शवो को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है. गंगा नदी में इस तरह से  एक साथ साथ दो लोगों का शव देखने के बाद स्थानीय लोगो मे आतंक का माहौल है और लोग ऐसा अनुमान कर रहे हैं कि यह बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे ही कोरोनावायरस के मृतकों के शव हो सकते हैं

बता दें कि कोरोना मृतकों के शव बिहार के बक्सर और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में गंगा नदी में तैरते हुए देखे गए थे. ऐसा माना जा रहा है कि यह सारे शव कोरोना रोगियों के हैं. हालांकि यह अभी तक प्रमाणित नहीं है, लेकिन फिर भी बिहार और उत्तर प्रदेश में गंगा नदी में तैरता हुआ शव अब पश्चिम बंगाल का सिरदर्द बन सकता है.

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बंगाल प्रसासन ने एक्शन प्लान बनाया है और राज्य सरकार के तरफ से मालदा जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है, क्योंकि झारखंड से बंगाल में इसी जिले में गंगा प्रवेश करती है. मालदा के साथ-साथ और भी जिले जहां से गंगा नदी बहती हैं. उन जिलों को भी सतर्क किया गया है. राज्य सरकार का मानना है कि तैरते हुए शव झारखंड से आ रही है या नहीं. यह जिला प्रशासन को सुनिश्चित करना पड़ेगा. इलाके में नाव, जाल और बांस लेकर तैयार रहने के लिए कहा गया है.

बता दें कि बंगाल में गंगा नदी की एंट्री पॉइंट है मानिकचक घाट. यह मालदा जिले में है. इस इलाके में गंगा करीब 1 किलोमीटर चौड़ी है.इसीलिए कड़ी नजरजारी बहुत जरूरी है. मालदा जिले के सभी BDO को यह निर्देश दिया गया है कि यदि शव आते हैं, तो उन्हें एक जगह रखा जाए, जहां पर मिले शवों का अंतिम संस्कार किया जा सके. मानिकचक घाट से फरक्का बैराज 22 किलोमीटर नीचे की तरफ है. कहीं तैरते हुए शव फरक्का बैराज से होकर आगे बांग्लादेश की तरफ ना निकल जाए. इसका ध्यान रखने के लिए फरक्का बैराज को भी कहा गया है.