/newsnation/media/post_attachments/images/2017/12/11/45-11e64b12-0ac8-4cbf-bb17-927f572f4400.jpg)
साभार: सुशांत मुखर्जी
आधुनिक जीवन में पुरानी चीजें या तो खो जाती है या फिर इतिहास के पन्नो में दर्ज हो जाती है ऐसी है चिठ्ठी।
दो दशक पहले तक चिठ्ठी का स्थान हर किसी के लिये बेहद खास था चाहे वो सूचना हो या किसी का हाल जानना हो या फिर सरकारी काम पर अब एसएमएस और इंटरनेट के कारण ये इतिहास के पन्नो में समा रहा है इसी को देखते हुए वाराणसी में एक अनोखा "चिठ्ठी बैंक" खोला गया है।
जिसके जरिये कोई भी अपने पुरानी चिठ्ठी को यहाँ मुफ्त में जमा करवा सकता है और उसे इसका पासबुक भी मिलेगा और वो जब चाहे अपनी चिठ्ठी को देख और पढ़ सकता है। इसके पीछे उद्देश्य है कि चिठ्ठी इतिहास के पन्नो में गुम न हो जाये और लोग भी अपनी चिठ्ठी सालों बाद भी पढ़कर अपने पुराने दिन और शख्स को याद कर पाये।
इसे भी पढ़ें: 'पद्मावती' के पक्ष में आए शशि थरूर, विवाद को बताया बेतुका
Source : News Nation Bureau