Uttarkashi Tunnel Update: 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू, लग सकता है इतना समय 

Uttarkashi Tunnel Update: 41 श्रमिकों तक पहुंचने के लिए 100 घंटे का वक्त लग सकता है. अधिकारियों ने जानकारी दी कि बचाव कर्मियों को बचाने के लिए ऊपर से 86 मीटर तक ड्रिलिंग जारी है.

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Mohit Saxena
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Uttarkashi Tunnel

Uttarkashi Tunnel Update( Photo Credit : social media)

Uttarkashi Tunnel Update: उत्तरकाशी सुरंग में बीते 14 दिनों से 41 श्रमिक फंसे हुए हैं. इन्हें बाहर निकालने के लिए वर्टिकल रास्ता तैयार किया जा रहा है. इसके लिए रविवार को सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग आरंभ की गई. बचाव अभियान में अमेरिकी ऑगर मशीन टूटने के बाद वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू हो गई है. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने पत्रकारों को बताया कि वर्टिकल ड्रिलिंग की शुरूआत हो चुकी है. अभी 15 मीटर तक का हिस्सा ड्रिल किया जा चुका है. अहमद ने मीडिया को बताया कि इसमें अभी किसी तरह की कोई अड़चन नहीं पाई गई है.  सुरंग में फंसे श्रमिकों तक पहुंचने में 100 घंटे का समय लगेगा. अधिकारियों ने जानकारी दी कि बचाव कर्मियों को ऊपर से 86 मीटर तक की ड्रिलिंग करनी होगी.

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युद्ध स्तर पर कई एजेंसियों की ओर से बचाव अभियान: जारी

ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में धंस गए थे. ऐसे में बचाव अभियान में बाधा सामने आ गई थी. आपको बता दें कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बनी सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ध्वस्त हो गया था. इसमें काम करने वाले श्रमिक फंस गए थे. इन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियों की ओर से बचाव अभियान शुरू हो गया है.  

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12 नवंबर को सुरंग में 41 मजदूर फंस गए थे

बचाव कार्यों में लगे कर्मियों की मदद के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल का कहना है कि मलबे में फंसे ऑगर मशीन के भाग को प्लाज्मा कटर और लेज़र कटर से काटकर निकालने का कार्य हो रहा है. आपको बता दें कि दीवाली के दिन यानि 12 नवंबर को सुरंग में 41 मजदूर फंस गए थे. इसके बाद से बचाव अभियान जारी है. कई बार विदेशों से आए विशेषज्ञों की मदद ली गई, मगर अभी तक बचावकर्मी मजदूरों तक नहीं पहुंच पाए हैं. आज फंसे मजदूरों को 14वां दिन हो चुका है. इन्हें निकालने के लिए मशीन की मदद ली जा रही थी. मगर इसके कटर टूट गए. अब खुदाई हाथौड़ी और छेनी के माध्यम से हो रही है.

 

HIGHLIGHTS

  • ऊपर से 86 मीटर तक की ड्रिलिंग करनी होगी
  • श्रमिकों तक पहुंचने में 100 घंटे का समय लगेगा
  • ऑगर मशीन के ब्लेड मलबे में धंस गए थे
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