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Uttarkashi-Tunnel( Photo Credit : news nation)
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में बीते 13 दिनों से 41 मजदूर की जिंदगियां कैद है. हर घंटे शासन-प्रशासन मामले पर कड़ी नजर बनाए हुए है. रेस्क्यू टीम लगातार बचाव कार्य में जुटी हुई है. तमाम तकनीकों और लोगों की मदद से धंसी हुई सुरंग से लोगों को निकालने की कोशिश जारी है. फिलहाल उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान आखिरी समय में पहुंच गया है, हालांकि अभी भी कई बाधाएं हैं, जिन्हें पार पाकर ही मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सकता है. इसी बीच रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े एक विशेषज्ञों का मामले में हालिया बयान आया है...
दरअसल शुक्रवार दोपहर बचाव कार्य की चल रही प्रगति पर एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सदस्य (प्रशासन) विशाल चौहान ने कहा कि, हिमालय का भूविज्ञान उतना पूर्वानुमानित नहीं है जितना लोग सोचते हैं. हिमालयी भूविज्ञान अप्रत्याशित है और सभी सरकारी और निजी एजेंसियों के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, रास्ते में कई बाधाएं आती हैं.
उन्होंने कहा कि, "जम्मू-कश्मीर और उसके बाद अरुणाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा सुरंग बनाने का काम चल रहा है. अटल सुरंग हिमाचल में महान सुरंग बनाने के काम का एक उदाहरण है. हम लगातार सबक सीख रहे हैं... उत्तरकाशी में जो हुआ वह एक दुर्भाग्यपूर्ण बात है. हिमालय भूविज्ञान यह अभी भी एक सटीक विज्ञान नहीं है, लेकिन इसमें दिन पर दिन सुधार हो रहा है. ऐसा नहीं है कि हमारे यहां हर साल या दो साल में एक बार दुर्घटना हो रही है. मैंने वर्षों में इस तरह की दुर्घटना के बारे में नहीं सुना है. मैंने कश्मीर और जम्मू की सभी सुरंगों की यात्रा की है, जहां उत्कृष्ट प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है.
वहीं इस मामले में एनडीएमए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) का भी बीते दिन बयान आया था, जिसमें उन्होंने बचाव कार्य में देरी पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि, सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को गुरुवार रात को बचाए जाने की उम्मीद थी, हालांकि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में आई बाधाओं के चलते ये संभव नहीं हो पाया.
इस बारे में अतिरिक्त जानकारी देते हुए सैयद अता हसनैन ने बताया कि, पिछले 24 घंटों में मलबे के माध्यम से पाइप की आवाजाही में कोई प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि इसमें कुथ बाधाएं आ गई थी, हालांकि जिसे कम वक्त में ठीक कर लिया गया, मगर फिर एक पाइप में समस्या आ गई और फिर एक मशीन में खराबी आ गई, जिस वजह से बाचव कार्य थम गया. वहीं सैयद अता हसनैन ने बचाव अभियान के पूरा होने के समय के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, फिलहाल की स्थिति को देखते हुए ये अभियान कब पूरा होगा इसकी अटकलें नहीं लगानी चाहिए.
Source : News Nation Bureau