Uttarkashi Tunnel Collapse: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बचाने में कितना लगेगा वक्त? इस प्लान पर हो रहा काम  

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी टनल हादसे को अब तक 14 दिन बीत चुके हैं. 41 मजदूर इस सुरंग में फंसे हुए हैं.  एनडीएमए के सदस्य सय्यद अता हसनैन का कहना है कि अंदर फंसे मजदूरों को लगातार खानी और पानी पहुंचाया जा रहा है.

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी टनल हादसे को अब तक 14 दिन बीत चुके हैं. 41 मजदूर इस सुरंग में फंसे हुए हैं.  एनडीएमए के सदस्य सय्यद अता हसनैन का कहना है कि अंदर फंसे मजदूरों को लगातार खानी और पानी पहुंचाया जा रहा है.

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Mohit Saxena
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Uttarkashi Tunnel Rescue Operation,

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation( Photo Credit : social media )

Uttarkashi Tunnel Collapse: उत्तरकाशी टनल हादसे को 14 दिन बीत चुके हैं. टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का काम जारी है. शनिवार को बचाव कार्य में लगी ऑगर मशीन एक बार फिर बिगड़ गई. ऐसे में बचाव कार्य में देरी होने की संभवना बनी हुई है. इस बीच एनडीएमए के सदस्य सैयद अता हसनैन के अनुसार, सुरंग के अंदर 41 मजदूर अभी ठीक हैं. सभी को खाने-पीने का सामान मिल रहा है. कुछ रिश्तेदारों ने भी सुरंग में फंसे मजदूरों से बातचीत की है. इस दौरान अंदर फंसे मजदूरों की मानसिक स्थिति पर निगरानी रखने की कोशिश हो रही है. यहां पर ऑपरेशन लंबा खींचने की संभावना है.  

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हसनैन का कहना है कि ऑगर मशीन बेहतर काम कर रही है. 47 मीटर तक अंदर ये चली गई थी. सभी मशीनों के ब्लेड क्रैक हो गए. मशीन का कुछ भाग अंदर ही रह गया है. अब उसे काटकर बाहर निकालने का प्रयास हो रहा है. उन्होंने बताया कि ऑगर मशीन के रूट पर किसी तरह की प्रगति नहीं देखने को मिली है. कटर से काम अभी भी जारी है. ऑगर का उपयोग अब पाइप को पुश करने के लिए होगा. 

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नहीं कर सकते कोई भविष्यवाणी

हसनैन का कहना है कि टनल में फंसे मजदूरों को निकालने की कोई समय सीमा नहीं है. हर कोई एक ही बात कर रहा है कि यह ऑपरेशन कब खत्म होने वाला है. हसनैन का कहना है कि जैसे-जैसे बचावकार्य आगे बढ़ रहा है, अभियान कठिन होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब कभी भी पहाड़ों पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाता है तो उस पर भविष्यवाणी नहीं की जाती है. ऐसे स्थिति में सिर्फ संभावनाएं होती हैं. उन्होंने कहा कि बचावकार्य में अभी वक्त लगने वाला है. हम सभी को सब्र रखने आवश्यकता है.

8 से 10 मीटर की ड्रिलिंग होना बाकी

आपको बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी ऑगर मशीन के फेल होने के बाद रविवार से मैन्युअल तरीके से ड्रिलिंग हो रही है. टनल के अंदर मौजूद मजदूरों को बचाने में मात्र 8 से 10 मीटर की ड्रिलिंग होना बाकी है. इसे अब मैन्युअली किया जा रहा है. बचाव दल इस उम्मीद पर काम कर रहे हैं कि सभी फंसी जिंदगियों को सही सलामत बाहर निकाल लिया जाएगा. 

Source : News Nation Bureau

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