Uttarakhand News: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को भराड़ीसैंण, गैरसैंण में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने सभी विदेशी राजनयिकों और योगाचार्यों का स्वागत किया. सीएम धामी ने सभी अतिथियों को प्रतीक चिन्ह और उत्तराखंडी टोपी देकर सम्मानित किया. इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि, देवभूमि उत्तराखंड योग और आयुष की वैश्विक राजधानी है.
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व और आग्रह पर पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है. 2014 में पीएम मोदी के आग्रह पर संयुक्त राष्ट्र संघ में 177 से ज्यादा देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दी थी. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के राजदूत व अन्य उच्चधिकारी शुक्रवार को गैरसैंण पहुंचे.
'पीएम मोदी ने इस दशक को बताया था उत्तराखंड का दशक'
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी ने बाबा केदारनाथ की धरती से इस दशक को उत्तराखंड का दशक बताया था. सीएम ने कहा कि, उनके शब्द हमारे लिए प्रेरणा, दिशा और संकल्प का उद्घोष हैं. पीएम मोदी का आयुष और वेलनेस सेक्टर के प्रति विशेष दृष्टिकोण है. सीएम ने कहा कि उत्तराखंड योग के वैश्विक केंन्द्र के रूप में उभर रहा है. उत्तराखंड का हिमालयी वातावरण, शुद्ध जलवायु और आध्यात्मिक ध्यान योग के लिए उपयुक्त है.
'हमारी संस्कृति में सदियों से योग और आयुर्वेद समाहित'
सीएम धामी ने कहा कि, हमारी संस्कृति में सदियों से योग और आयुर्वेद गहराई से समाहित है. यह धरती ऋषियों, योगियों और वैद्यों की साधना स्थली रही है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से औषधियों, कच्ची जडी-बूटियों की आपूर्ति देश के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी की जा रही है. दुनिया के प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि निर्माता भी उत्तराखंड में अपने निर्माण कार्य कर रहे हैं.
सीएम ने कहा कि, यहां की जैव विवधता में कुटकी, जटामांसी और तिमूर जैसी दुर्लभ और विशिष्ट औषधीय वनस्पतियों पाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 100 साल से ज्यादा पुराने आयुर्वेदिक संस्थान चल रहे हैं. जिनमें ऋषिकुल और गुरूकुल आयुर्वेद महाविद्यालय शामिल हैं. जिनके माध्यम से हम पीढियों से आयुर्वेदिक ज्ञान का विस्तार कर रहे हैं. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा कि, आयुर्वेद, योग और पंचकर्म के क्षेत्र में उत्तराखंड के पास अत्यंत प्रशिक्षित मानव संसाधन हैं.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिखी उत्तराखंड की झलक
शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रम में पूरे उत्तराखंड की झलक देखने को मिली. कार्यक्रम की शुरुआत नंदा देवी राज जात से हुई, इसके बाद उत्तराखंड की विभिन्न लोकनृत्य प्रस्तुतियों ने अतिथियों और दर्शकों का मन मोह लिया. इन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में झोड़ा-छपेली लोकनृत्य, नाटी और अन्य लोकप्रिय नृत्य शामिल रहे. जिन्होंने गढ़वाली, कुमाऊनी और जौनसारी संस्कृतियों से रूबरू कराया.
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