Ratan Tata ने इस राज्य को दिलाई थी विश्व स्तर पर पहचान, यहीं बनी थी उनकी 'ड्रीम कार'

रतन टाटा के निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है. उन्होंने बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा की यादों में टाटा की नैनो कार का विशेष जिक्र किया जा रहा है. जिसकी वजह से इस राज्य को खास पहचान मिली.

रतन टाटा के निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है. उन्होंने बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा की यादों में टाटा की नैनो कार का विशेष जिक्र किया जा रहा है. जिसकी वजह से इस राज्य को खास पहचान मिली.

author-image
Garima Sharma
New Update
Ratan Tata nano car

Ratan Tata ने इस राज्य को दिलाई थी विश्व स्तर पर पहचान, यहीं बनी थी उनकी 'ड्रीम कार'

रतन टाटा के निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है. उन्होंने बुधवार रात मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली. रतन टाटा की यादों में उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में बनी उनकी नैनो कार का विशेष जिक्र किया जा रहा है. यह कार न केवल आम आदमी के लिए चार पहिया वाहन का सपना साकार करने वाली थी, बल्कि इसने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में देवभूमि को एक नई पहचान भी दिलाई.

Advertisment

देवभूमि को मिली एक नई पहचान

जब रतन टाटा ने टाटा नैनो के उत्पादन का निर्णय लिया, तब वे खुद पंतनगर स्थित टाटा मोटर्स प्लांट में उत्पादन का निरीक्षण करने आए थे. इस दौरान उन्होंने अपने तीन वेंडर पार्क का भी दौरा किया. उनके सरल स्वभाव और विनम्रता से प्लांट के अधिकारी और कर्मचारी प्रभावित हुए थे. यह उनके नेतृत्व की पहचान थी कि उन्होंने नैनो प्रोजेक्ट को सही दिशा में आगे बढ़ाया.

सिंगूर प्लांट से हुई जर्नी

हालांकि, रतन टाटा की नैनो कार बनाने की योजना पश्चिम बंगाल के सिंगूर प्लांट में शुरू हुई थी. लेकिन अक्टूबर 2008 में हुए विवादों के कारण यह ड्रीम प्रोजेक्ट संकट में पड़ गया. तब उन्होंने इसे उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर के सिडकुल में स्थापित करने का निर्णय लिया, जहाँ टाटा मोटर्स की छोटी हाथी बनाने वाली फैक्ट्री स्थित थी. 

प्रोजेक्ट में खुद जुटे रतन टाटा

इस प्रोजेक्ट को धरातल पर लाने में रतन टाटा खुद जुट गए थे. उन्होंने 16 अप्रैल 2009 को विशेष विमान से पंतनगर प्लांट का दौरा किया और नैनो कार की गुणवत्ता की जानकारी ली. जुलाई 2009 में उन्होंने पहली कार की चाबी अशोक विचारे को सौंपी, जो पहली कार के मालिक बने. इस कदम ने बाइक पर सवार लोगों के लिए कार में चढ़ने का सपना साकार किया.

ऊधम सिंह नगर की ऑटोमोबाइल से पहचान 

ऊधम सिंह नगर ने अब ऑटोमोबाइल सेक्टर में अपनी पहचान बनाई है. 2010 में, नैनो कार का उत्पादन गुजरात के साणंद में शुरू हुआ, लेकिन इसकी शुरुआत उत्तराखंड में हुई थी. आज भी जिनके पास नैनो कार है, वे गर्व महसूस करते हैं. 

तिलकराज बेहड़ ने याद की मुलाकात

पूर्व कैबिनेट मंत्री और किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने रतन टाटा के साथ अपनी मुलाकात को याद करते हुए कहा कि वे सरल स्वभाव और अच्छे आचरण वाले व्यक्ति थे. उनकी सोच हमेशा आम आदमी की जरूरतों को समझने वाली रही, जो उन्हें अन्य उद्योगपतियों से अलग बनाती थी. रतन टाटा की उपलब्धियों और उनके विचारों को हमेशा याद रखा जाएगा.

ratan tata age tata nano electric tata nano Ratan Tata Car Collection ratan tata news Ratan Tata Dog Ratan Tata Demise News ratan tata story ratan tata died Ratan Tata Film Ratan tata tata nano cars Ratan Tata Death
      
Advertisment