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उत्तराखंड त्रासदी : 51 शव बरामद, बैराज पर रेस्क्यू दल से जोखिम न लेने की अपील

एनटीपीसी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि करीब 10 से 12 घंटे में सुरंग के भीतर की जानकारी मिल सकेगी. वहीं तपोवन बांध बैराज के संवेदनशील स्थल पर रेस्क्यू दल को जोखिम नहीं लेने को कहा गया है.

Updated on: 14 Feb 2021, 06:51 PM

देहरादून:

उत्तराखंड के ऋषिगंगा क्षेत्र में आई त्रासदी के बाद यहां एक सुरंग (टनेल) में लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है. जल स्तर बढ़ने से पूरी सुरंग मलबे से भर गई थी. अब इस सुरंग में करीब 136 मीटर तक मलबा साफ किया जा चुका है. साथ ही यहां ड्रिलिंग का काम भी शुरू कर दिया गया है. एनटीपीसी ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि करीब 10 से 12 घंटे में सुरंग के भीतर की जानकारी मिल सकेगी. वहीं तपोवन बांध बैराज के संवेदनशील स्थल पर रेस्क्यू दल को जोखिम नहीं लेने को कहा गया है. इस स्थल पर फंसे लोगों के जिंदा होने की संभावना नहीं है. इसलिए यहां स्थिति सामान्य होने पर तलाश की जाएगी.

उत्तराखंड के ऋषिगंगा क्षेत्र में आई त्रासदी के बाद अभी भी प्रशासन को 164 लापता लोगों की तलाश है. उत्तराखंड सरकार के मुताबिक रविवार सुबह तक मलबे में से 51 शव निकाले जा चुके हैं. इनमें से केवल 13 मृतकों की शिनाख्त हो सकी है जबकि 27 व्यक्तियों की शिनाख्त होना अभी बाकी है. गढ़वाल मंडल आयुक्त रविनाथ रमन ने तपोवन आपदा के राहत, बचाव एवं खोजबीन कार्य में तैनात विभाग और संस्थान के संबंधित अधिकारियों के साथ सुरंग एवं खोज बचाव कार्य प्रगति की एक बैठक ली. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सुरक्षा के मद्देनजर सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाना सुनिश्चित करें.

राहत एवं बचाव कर्मियों की तैनाती जारी
उन्होंने क्रमवार राहत एवं बचाव कार्य में जुटे जिला प्रशासन, आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, एनटीपीसी, पुलिस प्रशासन आदि की अद्यतन कार्यों की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. रेस्क्यू कार्य में आ रही समस्या के बारे में भी जानकारी ली गई. यहां स्वास्थ्य विभाग के प्रगति कार्य की जानकारी लेते हुए संबंधित अधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं. साथ ही आईटीबीपी के संबंधित अधिकारी को ऋषिगंगा में जवानों की तैनाती बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.

अब तक महज 13 शवों की शिनाख्त
अभी भी रेस्क्यू कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. आईटीबीपी के जवान स्निफर डॉग की मदद से रैणी गांव में लापता लोगों को ढूंढ रहे हैं. तपोवन टनल के अंदर भी सर्च अभियान जारी है. फिलहाल मृतकों की शिनाख्त करना भी प्रशासन के लिए मुश्किल हो रहा है. बताया जाता है कि अभी तक महज 13 शवों की पहचान की गई है. शीर्ष पुलिस सूत्रों ने कहा कि पहचान की प्रक्रिया कठिन होती जा रही है, क्योंकि अधिकांश लोग तपोवन क्षेत्र में अपने प्रियजनों की तलाश कर रहे हैं, जो आपदा के बाद से लापता हैं.