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क्या उत्तराखंड को मिलेगा 11वां मुख्यमंत्री? तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल से मांगा मिलने का समय

उत्तराखंड में जारी सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है

Updated on: 02 Jul 2021, 06:55 PM

देहरादून:

उत्तराखंड की सियासत में बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है. हालांकि अभी सीएम रावत और राज्यपाल की मुलाकात की पीछे की कहानी साफ नहीं हो पाई है, लेकिन सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो चला है. लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या उत्तराखंड को मिलेगा 11 वां मुख्यमंत्री? मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत थोड़ी ही देर में जौली ग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे. वह सेफ हाउस से पहले राजभवन भी जा सकते हैं. सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री आज देर रात या कल राज्यपाल से मुलाकात कर सकते हैं. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हैं. उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनकी मुलाकात की है. यह मुलाकात करीब आधे घंटे तक चली है. जबकि इससे पहले उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की. आपको बता दें कि रावत इसी साल मार्च में मुख्यमंत्री बनाये गये थे. 

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आपको बता दें कि उत्तराखंड भाजपा का 'चिंतन शिविर' समाप्त होने के एक दिन बाद, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने दिल्ली बुलाया था. रावत बुधवार को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा करने नई दिल्ली पहुंचें. मंगलवार को भगवा पार्टी की उत्तराखंड इकाई के तीन दिवसीय 'चिंतन शिविर' पर चर्चा और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की रणनीति को अंतिम रूप देने का काम रामनगर में संपन्न हुआ.

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जानकारी के अनुसार रावत का राज्य विधानसभा के लिए चुनाव भाजपा नेतृत्व के साथ उनकी बैठक के प्रमुख एजेंडे में से एक है. लोकसभा सदस्य रावत ने 10 मार्च को पहाड़ी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार उन्हें 9 सितंबर तक उत्तराखंड विधानसभा के लिए निर्वाचित होना है. सूत्रों ने कहा कि रावत अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए, साथ ही विधायक बनने के लिए उपचुनाव लड़ने को तैयार हैं. पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, "केंद्रीय नेतृत्व रावत को राज्य विधानसभा के लिए चुने जाने के तरीकों पर चर्चा कर सकता है, अन्यथा यह एक संवैधानिक संकट पैदा करेगा जिसमें रावत को इस्तीफा देना होगा.