जनसंख्या कानून बनाने के लिए यूपी के ड्राफ्ट बिल का अध्ययन कर रहा उत्तराखंड
जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने जो मसौदा तैयार किया है, वह उत्तराखंड सरकार के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
highlights
- उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार भी पक्ष में
- जनसंख्या कानून मसौदे को बारीकी से किया जा रहा अध्ययन
- मुख्यमंत्री धामी ने स्वतंत्रता दिवस पर एक समिति की घोषणा की थी
देहरादून:
जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने जो मसौदा तैयार किया है, वह उत्तराखंड सरकार के लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. अधिकारियों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उत्तराखंड सरकार ने अपने स्थानीय जनसांख्यिकीय और सामाजिक परिस्थितियों के अनुसार अपने स्वयं के विधेयक का मसौदा तैयार करने से पहले उत्तर प्रदेश के जनसंख्या नियंत्रण विधेयक को बारीकी से अध्ययन कर रहा है. यह कवायद पुष्कर सिंह धामी सरकार ने दो महीने पहले शुरू कर दी थी. जब आरएसएस से संबंद्ध 35 पदाधिकारियों ने सीएम धामी से मुलाकात कर राज्य में असम और उत्तर प्रदेश की तर्ज पर जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की मांग की थी.
मुख्यमंत्री धामी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में एक समिति की घोषणा की थी जो राज्य में जनसंख्या नियंत्रण पर एक प्रभावी कानून को लागू करने में मदद करेगी. गृह विभाग के एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह समिति अभी तक गठित नहीं की गई है, लेकिन हम उत्तर प्रदेश द्वारा तैयार किए गए जनसंख्या नियंत्रण विधेयक की जांच कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि मसौदा विधेयक को इसका अध्ययन करने और उत्तराखंड की सामाजिक और जनसांख्यिकीय स्थितियों पर विचार करने के लिए एक राय देने के लिए कानून विभाग को भेजा गया है. "चूंकि हम उत्तर प्रदेश के विधेयक की जांच कर रहे हैं, सब कुछ देखने के बाद उत्तराखंड में भी निकट भविष्य में ऐसा विधेयक हो सकता है.
राज्य के विधि विभाग के अधिकारियों से जब उनकी टिप्पणियों को लेकर संपर्क साधा गया तो उन्होंने इस मामले पर बोलने से इनकार कर दिया. यूपी विधि आयोग ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) मसौदा विधेयक मुख्यमंत्री कार्यालय को इस मामले में विचार करने और आगे की कार्यवाही पूरी करने को कहा था. उस मसौदा विधेयक का उद्देश्य उन लोगों को कई तरह के लाभ प्रदान करना है जो दो से अधिक बच्चे पैदा नहीं करना चाहते हैं. साथ ही इसमें प्रजनन दर को कम करने के लिहाज़ से दो से बच्चे होने पर अभिभावकों के लिए भत्ते आदि कम करने की सलाह दी गई है. उस मसौदा विधेयक में दो से अधिक बच्चों वाले लोगों को सरकारी लाभ से वंचित करने और उन्हें स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने या किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने से रोकने का भी प्रस्ताव है.
इसके अलावा, और भी बहुत कुछ प्रावधान रखे गए हैं :
1. दो से बच्चे हों तो सरकारी लाभ न दिए जाएं
2. ऐसे लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाए
3. ऐसे लोगों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन से वंचित किया जाए
4. ऐसे लोगों को सरकारी सब्सिडी से भी वंचित किया जाए
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