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ABVP (X@ABVPVoice)
Uttarakhand: उत्तराखंड छात्रसंघ चुनाव 2025 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी ने शानदार प्रदर्शन किया है. प्रदेश भर में पार्टी ने एतिहासिक जीत अपने नाम की है. एबीवीपी ने प्रदेश भर में कुल 332 पदों पर विजय प्राप्त की. संगठन की ताकत और युवाओं में स्वीकार्यता बढ़ रही है. खास बात है कि 27 कॉलेजों में अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के प्रत्याशियों ने निर्विरोध जीत दर्ज की.
ऐसे हैं चुनाव के परिणाम
- अध्यक्ष: 58
- उपाध्यक्ष: 52
- महासचिव: 47
- कोषाध्यक्ष: 51
- सह सचिव: 50
- विश्वविद्यालय प्रतिनिधि: 62
- सांस्कृतिक सचिव: 6
- छात्रा उपाध्यक्ष: 6
डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय ऋषिकेश, कोटद्वार, खटीमा और श्रीनगर जैसे प्रमुख शिक्षण संस्थानों मे साफ-साफ एबीवीपी की स्वीकार्यता नजर आई. इस जीत से साफ हो गया कि संगठन का जनाधार मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी इलाकों तक फैला हुआ है.
छात्रशक्ति ने अपने अपार स्नेह और आशीर्वाद से एक बार फिर यह प्रमाणित कर दिया है कि उनका अडिग विश्वास सदैव उस संगठन के साथ रहा है, जो निष्ठापूर्वक छात्रहितों की रक्षा और राष्ट्रनिर्माण के पथ पर अग्रसर रहता है।
— ABVP (@ABVPVoice) September 28, 2025
यह विजय केवल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नहीं, बल्कि उस संपूर्ण… pic.twitter.com/1TUrl5mOyX
इन मुद्दों पर हुआ चुनाव
पारदर्शी परीक्षाएं, शैक्षणिक सुधार, छात्र हित, कैंपस अनुशासन और राष्ट्रवादी विचारधारा जैसे मुद्दों ने छात्रों को आकर्षित किया.
धामी सरकार की भूमिका
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार की नीतियों ने भी एबीवीपी की जीत को अहम बनाया है. प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल विरोधी कानून ने पारदर्शिता की गारंटी दी है. 25,000 से अधिक सरकारी नौकरियों की घोषणा ने युवाओं में उम्मीद जगाई. सरकार ने परीक्षा घोटालों के मामले में कार्रवाई की, जिससे सरकार की छवि भी सख्त बनी. फैसले से छात्रों में सरकार और एबीवीपी के प्रति भरोसा मजबूत हुआ.
उत्तराखंड के DAV कॉलेज में एक बार फिर छात्रशक्ति ने यह सिद्ध कर दिखाया कि उनका अटूट विश्वास केवल और केवल अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ है।
— ABVP (@ABVPVoice) September 28, 2025
अध्यक्ष पद पर ऋषभ मल्होत्रा का निर्वाचित होना इस बात का प्रमाण है कि आज का विद्यार्थी न तो भटकना चाहता है और न ही अवसरवादी राजनीति का… pic.twitter.com/Duo8RSqQ7D
विधानसभा चुनावों में मिला फायदा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि छात्रसंघ चुनावों में एबीवीपी की सफलता ने भाजपा के लिए बड़ा आधार तैयार किया है, जिसका फायदा पार्टी विधानसभा चुनावों में दिखाई देगा. प्रदेश में पहले से छात्र राजनीति हमेशा से मुख्यधारा की राजनीतिक दिशा तय करती है.