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Uttarakhand: CM धामी ने पूरा किया वादा, अब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किलोमीटर तक कम होगी

चारधाम यात्रा को सुगम बनाने को लेकर उत्तरकाशी में बन रही 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का ब्रेकथ्रू होने से पूरे प्रदेश को तोहफा मिला, बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया

चारधाम यात्रा को सुगम बनाने को लेकर उत्तरकाशी में बन रही 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का ब्रेकथ्रू होने से पूरे प्रदेश को तोहफा मिला, बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया

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Mohit Saxena
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CM Pushkar Singh Dhami (social media)

चारधाम यात्रा को सुगम बनाने को लेकर उत्तरकाशी में बन रही 4.5 किमी लंबी सिलक्यारा-पोलगांव सुरंग का ब्रेकथ्रू होने से पूरे प्रदेशभर में खुशी का माहौल है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सिलक्यारा सुरंग के ब्रेकथ्रू कार्यक्रम में भाग लिया. गौरतलब है कि वर्ष 2023 में सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक 17 दिनों तक इसमें फंस रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत सभी मजदूरों   को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. सिलक्यारा सुरंग चारधाम यात्रा की दृष्टि से अहम परियोजना है. लगभग 853 करोड़ लागत की डबल लेन की इस सुरंग परियोजना की लंबाई 4.531 किलोमीटर है. 

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CM Pushkar Singh Dhami  (social media)

 

सुरंग निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय की बचत होगी. इस परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं में बढ़ोतरी होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा. 

इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक

मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा टनल ब्रेकथ्रू के अवसर पर परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों को बधाई संदेश दिया. उन्होंने कहा, 'यह ऐतिहासिक अवसर न केवल उन्नत इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक है, बल्कि आस्था और समर्पण की शक्ति का जीवंत उदाहरण भी है. उन्होंने कहा कि सिलक्यारा टनल अभियान दुनिया का सबसे जटिल और लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन था. इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की. यह घटना तकनीकी और मानवीय संकल्प की वास्तविक परीक्षा थी, सभी ने एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाया. उन्होंने समस्त रेस्क्यू टीम, रैट माइनर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सहयोगी संस्थाओं का भी इस अभियान को सफल बनाने में आभार व्यक्त किया.' 

अभियान को सफलता पूर्वक संचालित किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलक्यारा अभियान पर पूरी दुनिया की नजरें थी. प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन और भारत सरकार के पूर्ण सहयोग के चलते राज्य सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण अभियान को सफलता पूर्वक संचालित किया. इस रेस्क्यू अभियान में देश और दुनिया में उपलब्ध आधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों ने जिस धैर्य का परिचय दिया, इससे हमारा हौसला बढ़ा. 

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बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (social media)

 

पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया.  बौखनाथ मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए देहरादून स्थित अपने घर से मुख्यमंत्री भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे. सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं सिल्क्यारा अभियान के दौरान कैंप कर रेस्क्यू अभियान की निरंतर निगरानी और निर्देशन किया था. रेस्क्यू अभियान की सफलता के लिए सीएम ने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगते हुए मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था.

41 श्रमिक इस सुरंग में फंस गए थे 

मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से प्रदेश की खुशहाली और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की. उन्होंने कहा, 'जब सुरंग के मुख पर बाबा बौखनाग को विराजमान किया, तभी फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जा सका. उस समय उन्होंने बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर बनाने की घोषणा की थी. मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से संकल्प भी पूरा हुआ है और श्रद्धालु भी बाबा बौखनाग का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे. सीएम ने कहा कि टनल निर्माण के दौरान 12 नवंबर को अचानक हुए भूस्खलन में 41 श्रमिक इस सुरंग में फंस गए थे. उस वक्त देशभर से लोग इन श्रमिकों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे. उस अंधेरी सुरंग में जहां उम्मीद की किरणें भी धूमिल हो रही थी, बाबा बौखनाग ने पहाड़ों के रक्षक के रूप में शक्ति और विश्वास का संचार किया.

मुख्यमंत्री ने की ये घोषणाएं 

इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कई घोषाएं कीं. उन्होंने कहा, 'सिलक्यारा टनल का नाम बाबा बौखनाग के नाम पर किये जाने की कार्यवाही की जायेगी. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गेंवला-ब्रह्मखाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाया जायेगा. बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जायेगा. स्यालना के निकट हेलीपैड का निर्माण किया जायेगा.' इस दौरान केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय टमटा, विधायक सुरेश चौहान, दुर्गेश्वर लाल, संजय डोभाल, प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग डॉ. कृष्ण कुमार, जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, एसपी श्रीमती सरिता डोभाल, जनप्रतिनिधिगण और अधिकारीगण उपस्थित थे.

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