मानसून में बढ़ा डेंगू का खतरा, हालात बिगड़ने से पहले हो जाएं सतर्क

डेंगू एक गंभीर बीमारी है, जिसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है. उत्तराखंड में मानसून के मौसम के दौरान डेंगू संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए समय रहते तैयारी करना आवश्यक है.

डेंगू एक गंभीर बीमारी है, जिसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है. उत्तराखंड में मानसून के मौसम के दौरान डेंगू संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए समय रहते तैयारी करना आवश्यक है.

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Ritu Sharma
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डेंगू ( Photo Credit : News Nation )

मानसून का मौसम शुरू होते ही उत्तराखंड में डेंगू संक्रमण का खतरा भी तेजी से बढ़ गया है. हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से कोई डेंगू मरीज सामने नहीं आया है, लेकिन दो लाख घरों की जांच में 20 घरों में लार्वा पाया गया है. इससे आने वाले दिनों में डेंगू मरीज मिलने की संभावनाएं बढ़ गई हैं. वहीं उत्तराखंड में हर साल मानसून के बाद डेंगू के मरीज सामने आते हैं. कभी कम तो कभी ज्यादा संख्या में. वर्ष 2019 में सबसे अधिक डेंगू संक्रमण देखा गया, जब 10,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए थे. इसके विपरीत, वर्ष 2022 में 2,337 लोग डेंगू की चपेट में आए. 2021 में 738 और 2018 में 591 मरीज मिले थे. पिछले साल डेंगू संक्रमण के मामले 500 से नीचे रहे, जो राहत की बात थी.

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संक्रमण से बचाव के प्रयास

डेंगू से बचाव के लिए विशेषज्ञों का मानना है कि सभी संबंधित विभागों को अभी से पूरी ऊर्जा के साथ काम करना होगा. स्वास्थ्य विभाग, शहरी विकास, नगर निकाय आदि सभी को मिलकर तैयारी करनी होगी। लार्वा के पनपने को रोकना सबसे अहम कदम है. स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही सभी विभागों को अलर्ट कर दिया है और लार्वा न पनपने देने के उपाय करने की सलाह दी है. राज्य में घर-घर सर्वेक्षण किया जा रहा है ताकि लार्वा की रोकथाम की जा सके. अभी तक दो लाख से अधिक घरों की जांच की जा चुकी है.

2019 में डेंगू का सबसे ज्यादा प्रकोप

आपको बता दें कि वर्ष 2019 उत्तराखंड के लिए डेंगू संक्रमण के मामले में सबसे बुरा साबित हुआ. इस साल 10,000 से अधिक लोग डेंगू से प्रभावित हुए थे, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा था. यह साल सभी के लिए चेतावनी के रूप में देखा जाता है कि डेंगू संक्रमण की रोकथाम के लिए पहले से तैयारी करना कितना जरूरी है.

मौजूदा स्थिति और आगे की योजना

हालांकि इस साल अभी तक डेंगू का कोई मरीज सामने नहीं आया है, लेकिन 20 घरों में लार्वा मिलने से सतर्कता बढ़ गई है. राज्य के सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पूरी तैयारी के साथ आगे बढ़ें. स्वास्थ्य विभाग ने सभी संबंधित विभागों को लार्वा पनपने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

बचाव के उपाय

वहीं डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि हम अपने आस-पास के क्षेत्रों को साफ रखें. पानी को जमा न होने दें, कूलर, टंकी आदि को समय-समय पर साफ करें। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी तरह के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

HIGHLIGHTS

  • मानसून में बढ़ा डेंगू का खतरा
  • हालात बिगड़ने से पहले हो जाएं सतर्क
  • जानें पिछले साल की स्थिति

Source : News Nation Bureau

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