Uttarakhand Panchayat Election 2025: नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड पंचायत चुनावों पर लगी रोक को हटा लिया है. अब राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग मिलकर जल्द ही नया चुनाव कार्यक्रम जारी करेंगे. लंबे समय से अटके पंचायत चुनावों को लेकर यह बड़ी राहत की खबर सामने आई है. सरकार ने पहले ही जुलाई में चुनाव कराने का वादा किया था, जिसे अब अमलीजामा पहनाया जाएगा.
बार-बार टल रहे थे पंचायत चुनाव
दरअसल, उत्तराखंड में पंचायत चुनाव आरक्षण और तकनीकी कारणों के चलते बार-बार टल रहे थे. मुख्य विवाद अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण को लेकर था. पहाड़ी क्षेत्रों की जनसंख्या संरचना के कारण यदि सभी को आरक्षण दिया जाता, तो आरक्षण की सीमा 50% से अधिक हो जाती, जो कि संविधान के नियमों के खिलाफ होता. इसी को लेकर सरकार ने एक कमेटी बनाई, जिसने सुझाव दिया कि पंचायत चुनाव जिला स्तर पर कराए जाएं, जिससे आरक्षण की सीमा का पालन किया जा सके.
हालांकि, चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद एक याचिका कोर्ट में दायर की गई, जिसमें कहा गया कि सरकार की ओर से कोई गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. इसी आधार पर हाईकोर्ट ने अस्थाई रूप से चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी.
बढ़ सकती हैं तारीखें
तीन दिन तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य सरकार की दलीलों को स्वीकार करते हुए चुनाव पर लगी रोक हटा दी है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि भविष्य में कोई आरक्षण या रोटेशन से जुड़ी आपत्ति सामने आती है, तो उसे बाद में चुनौती दी जा सकती है. अब राज्य निर्वाचन आयोग जल्द ही नया कार्यक्रम घोषित करेगा. पहले दो चरणों में 10 और 15 जुलाई को चुनाव होने थे, लेकिन अब यह तारीखें आगे बढ़ सकती हैं. माना जा रहा है कि अब 15 से 25 जुलाई के बीच पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं.
राज्य में करीब 7500 ग्राम पंचायतों, 89 ब्लॉक और 12 जिला पंचायतों के लिए चुनाव होने हैं. सरकार और आयोग दोनों ही तैयार हैं. केवल नई तारीखों की घोषणा बाकी है. हाईकोर्ट के फैसले से चुनाव की राह साफ हो गई है और अब उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है.
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