उत्तराखंड: मानसून के पहले हफ्ते में भारी बारिश, 40 सालों में आया बड़ा बदलाव

उत्तराखंड में इस बार जलवायु परिवर्तन का असर मैदानी इलाकों में ही नहीं बल्कि पहाड़ी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है. देश के कुछ शोधकर्ताओं ने एक शोध में दावा किया है कि पिछले 40 सालों में उत्तराखंड के मौसम में व्यापक बदलाव आया है.

author-image
Ritu Sharma
New Update
Uttarakhand Heavy rain

मौसम पूर्वानुमान( Photo Credit : News Nation )

Uttarakhand Weather Update Today: ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का असर उत्तराखंड में व्यापक रूप से दिखाई दे रहा है. मैदानी इलाकों के साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में भी मौसम के पैटर्न में बदलाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. शीतकाल में कम वर्षा, ग्रीष्मकाल में भीषण गर्मी और मानसून के दौरान वर्षा के पैटर्न में उतार-चढ़ाव मौसम विज्ञानियों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं. आपको बता दें कि देश के कुछ शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में दावा किया है कि पिछले 40 वर्षों के दौरान उत्तराखंड के मौसम में व्यापक बदलाव आया है. इस साल मानसून की वर्षा में अनियमितता भी इस ओर संकेत कर रही है कि जलवायु परिवर्तन का असर उत्तराखंड पर गहरा हो रहा है.

Advertisment

यह भी पढ़ें: Budget 2024: इस बजट NPS और आयुष्मान पर मिलेगी गुड न्यूज! जानें क्या हो सकते हैं बड़े ऐलान?

मानसून के पैटर्न में अनियमितता

मानसून की शुरुआत के बाद उत्तराखंड में पहले सप्ताह में अत्यधिक वर्षा हुई, जिसमें कुमाऊं में वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया. हालांकि, इसके बाद के दो सप्ताह में सामान्य से कम वर्षा हुई, खासकर गढ़वाल मंडल में. यहां की स्थिति और भी गंभीर है, क्योंकि कुछ क्षेत्रों में अतिवृष्टि और कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति देखी जा रही है. यह भविष्य के लिए एक गंभीर संकेत है.

जुलाई में रिकॉर्ड बारिश

इस साल 27 जून को मानसून उत्तराखंड पहुंचा और जुलाई की शुरुआत में रिकॉर्ड वर्षा दर्ज की गई. पहले सप्ताह में ही राज्य में सामान्य से तीन गुना अधिक वर्षा हुई. कुमाऊं में एक ही दिन में 34 वर्ष का वर्षा रिकॉर्ड टूट गया. ऊधम सिंह नगर, चंपावत और नैनीताल में 400 मिमी तक वर्षा दर्ज की गई. वहीं, बागेश्वर और अल्मोड़ा में भी कई गुना अधिक वर्षा हुई.

गढ़वाल मंडल में कम वर्षा

गढ़वाल मंडल के जिलों में देहरादून, टिहरी और पौड़ी में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई, लेकिन जुलाई के दूसरे और तीसरे सप्ताह में मानसून ने अधिकांश क्षेत्रों में नाम मात्र की वर्षा की. दून में कहीं-कहीं वर्षा जारी रही, लेकिन कुल मिलाकर गढ़वाल में सामान्य से कम वर्षा हुई.

कुमाऊं में भारी वर्षा का दौर जारी

कुमाऊं के कुछ क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा का दौर अब भी जारी है. जुलाई के पहले सप्ताह में प्रदेश में औसत सामान्य वर्षा 94 मिमी के मुकाबले 228 मिमी दर्ज की गई, जो सामान्य से 142 मिमी अधिक है. यह बीते 34 वर्षों में सबसे अधिक है.

साइक्लोनिक सर्कुलेशन से संभावित बारिश

आपको बता दें कि मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मध्य राजस्थान पर बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन अगले कुछ दिनों में उत्तराखंड में वर्षा के दौर को तेज कर सकता है. औसत समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर पश्चिमी विक्षोभ और 1.5 किमी ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन की स्थिति को देखते हुए आगामी दिनों में उत्तराखंड में भारी वर्षा की संभावना है.

HIGHLIGHTS

  • उत्तराखंड में मानसून के पहले हफ्ते में भारी बारिश
  • मानसून आने के बाद पहले सप्ताह तीन गुना अधिक बारिश
  • कुमाऊं में अत्यधिक वर्षा, गढ़वाल में सामान्य से भी कम

Source : News Nation Bureau

Uttarakhand government imd weather report Weather Forecasting Uttarakhand weather Weather News Uttarakhand BJP imd alert Big Breaking News hindi news weather imd rain Uttarakhand News uttarakhand-news-hindi IMD forecast
      
Advertisment