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उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला- चीन की कंपनियों को नहीं मिलेगा राज्य में कोई भी टेंडर

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने फैसला लिया है कि बड़ी परियोजनाओं के ग्लोबल टेंडर (Global Tender) में चीन (China) सहित पड़ोसी देशों की कपंनियां भाग नहीं ले पाएंगी.

Updated on: 08 Jan 2021, 01:47 PM

देहरादून:

उत्तराखंड (Uttarakhand) ने चीन (China) को बड़ा झटका दिया है. अब राज्य के किसी भी सरकारी टेंडर को चीनी कंपनी को नहीं दिया जाएगा. राज्य की त्रिवेंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि बड़ी परियोजनाओं के ग्लोबल टेंडर (Global Tender) में चीन सहित पड़ोसी देशों की कपंनियां भाग नहीं ले पाएंगी. इसके लिए नियमावली में भी बदलाव किया गया है. राज्य सरकार ने चीन के साथ सीमा पर जारी विवाद के बाद यह फैसला लिया है. 

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सरकार ने किया नियमावली में बदलाव
उत्तराखंड सरकार ने खरीद नियमावली में भी बदलाव किया है. वित्त सचिव सौजन्या की ओर से जारी आदेश के अनुसार 2017 की खरीद नियमावली में बदलाव कर दिया है. जिससे अब राज्य की परियोजनाओं में पड़ोसी देशों की कंपनियों के शामिल होने पर रोक लग गई है. पड़ोसी देश में रजिस्टर्ड न होने का प्रमाण देना होगा राज्य सरकार के आदेश में भले ही पड़ोसी देश लिखा गया है लेकिन जानकारों का कहना है कि यह निर्णय चीन की कंपनियों को राज्य में निवेश से रोकने के लिए किया गया है.  

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मेड इन चाइना पर भी रोक
इतना ही नहीं सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकारी विभागों में मेड इन चाइना सामान की आपूर्ति पर भी रोक लगा दी है. टेंडर में प्रतिभाग करने वाली कंपनियों को इस संदर्भ में सार्टिफिकेट देना होगा कि उनका चीन या अन्य पड़ोसी देश में रजिस्ट्रेशन नहीं है.  इसके साथ ही राज्य के सरकारी विभागों में होने वाली खरीद के दौरान कंपनियों या फर्म को यह भी सार्टिफिकेट देना होगा कि उनका प्रोडक्ट मेड या असेम्बल्ड इन चाइना नहीं है.