/newsnation/media/post_attachments/images/2022/07/04/pushkar-79.jpg)
pushkar singh dhami( Photo Credit : ani)
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में यूनिफार्म सिविल कोड का मुद्दा जोरशोर से उठाया था. इसको अब साकार करने की दिशा में उत्तराखंड सरकार से तेजी से कदम बढ़ा रही है. उत्तराखंड में भाजपा ने दोबारा सत्ता पर काबिज होते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए समिति का गठन किया. समिति में जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई को अध्यक्ष बनाया गया है. इसके अलावा रिटायर जज प्रमोद कोहली, मनु गौड़, पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह और दून विश्विद्यालय की कुलपति सुरेखा डंगवाल को सदस्य बनाया गया.
दिल्ली के उत्तराखंड सदन में सोमवार को समिति की पहली बैठक हुई, बैठक के बाद जस्टिस रंजना देसाई ने बताया "यह हमारी पहली बैठक हुई है. यह हमारी शुरुआती बैठक है, बैठक में सभी सदस्य मौजूद रहे. हालांकि रिपोर्ट के बारे में उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट को कब सौंपा जाएगा. अभी हम कह नहीं सकते. मगर अगली बैठक 14 से 15 जुलाई को होगी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि "चुनाव से पहले हमने 12 फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की घोषणा की थी , चुनाव के बाद हमने समिति बनाई, समिति ने UCC को लेकर आज पहली बैठक की है. जल्द ही प्रदेश और देश की जनता का सुझाव लेकर हम इसको लागू करेंगे", हालांकि सीएम की ओर से भी फाइनल रिपोर्ट की कोई डेट नहीं बताई गई .
उत्तराखंड में यूनिफार्म सिविल कोड लाने को लेकर दक्षिणपंथी संगठनों का कहना हैं कि उधमसिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून जिलों में आबादी परिवर्तन तेजी से हुआ हैं. समुदाय विशेष की आबादी पौड़ी, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों में भी तेजी से बढ़ रहीं है. ऐसे में उत्तरखंड में यूनिफार्म सिविल कोड की आवश्यकता हैं.
HIGHLIGHTS
- 12 फरवरी को यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने की घोषणा की थी
- यूनिफॉर्म सिविल कोड के लिए समिति का गठन किया
Source : Nishant Rai