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सरकारी पुस्तकें नहीं बांटना दुर्भाग्यपूर्ण, आखिर कैसे शिक्षा ग्रहण करेंगे बच्चे : AAP

आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने एक बयान जारी करते हुए बीते 3 महीनों से सरकारी विद्यालयों में छात्रों को किताबें  ना मिलने को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

Updated on: 03 Jul 2022, 06:04 PM

देहरादून:

आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट ने एक बयान जारी करते हुए बीते 3 महीनों से सरकारी विद्यालयों में छात्रों को किताबें  ना मिलने को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि हर मां बाप का सपना अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना होता है. सभी मां बाप का यही सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छी शिक्षा लेकर अपना जीवन बेहतर और सफल हो. लेकिन उत्तराखंड सरकार बच्चों के भविष्य के लिए गंभीर नजर नहीं आ रही है.

अप्रैल माह से जुलाई तक 3 महीने हो चुके हैं लेकिन कक्षा आठ से कक्षा बारहवीं तक जो निशुल्क किताबें छात्रों को मुहैया कराई जाती है वह अभी तक 5 जिलों में शिक्षा विभाग द्वारा बाटी ही नहीं गई है. रुद्रप्रयाग, उधम सिंह नगर, हरिद्वार, टिहरी और चम्पावत जिलों में यह किताबें नहीं बांटी गई है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों के भविष्य के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और राज्य सरकार की कोताही तब भी देखी गई जब पिछले 2 सालों में नेटवर्क ना होने से कई बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रहे और अब किताबे ना मिलने से बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं.

जोत सिंह बिष्ट ने आगे कहा कि 5 जुलाई से विद्यालय खुल रहे हैं और किताबें ना होने से बच्चे खाली हाथ स्कूल जाएंगे तो आखिर वह बच्चे क्या पढ़ाई करेंगे तो सरकार लगातार बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रही है जिसे किसी भी कीमत पर आम आदमी पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी.