पतंजलि योगपीठ में दो दिवसीय निशुल्क कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर संपन्न, दिव्यांगजनों को मिला आत्मबल

शिविर में 250 से अधिक लाभार्थियों को कृत्रिम हाथ-पैर, कैलिपर और बैसाखियां प्रदान की गईं. स्वामी रामदेव ने कहा ये दिव्यांग नहीं दिव्य आत्माये हैं. अचार्य बालकृष्ण बोले, प्रत्येक मानव को आत्मनिर्भर बनना हमारी राष्ट्र सेवा है.

शिविर में 250 से अधिक लाभार्थियों को कृत्रिम हाथ-पैर, कैलिपर और बैसाखियां प्रदान की गईं. स्वामी रामदेव ने कहा ये दिव्यांग नहीं दिव्य आत्माये हैं. अचार्य बालकृष्ण बोले, प्रत्येक मानव को आत्मनिर्भर बनना हमारी राष्ट्र सेवा है.

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Mohit Saxena
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Baba Ramdev Photograph: (social media)

पतंजलि वेलनेस और उद्धार जैफरीज नागपुर के संयुक्त तत्वाधान में पतंजलि योगपीठ में शिविर का आयोजन किया गया. शिविर 26 एवं 27 जुलाई को पतंजलि वेलनेस में लगाया गया. हरिद्वार की ओर से दिव्यांगजन के सशक्तिकरण को लेकर आयोजित दो दिवसीय निशुल्क कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण शिविर का आज सफलता पूर्वक समापन हुआ. इस जनसेवा शिविर में 250 से ज्यादा दिव्यांग लाभार्थियों को कृत्रिम हाथ, पैर, कैलिपर, बैसाखी आदि सहायक उपकरण निःशुल्क वितरित किए गए. शिविर की सफलता को देखते हुए यह तय किया गया कि शिविर को हर तीन से चार माह के अंतराल में लगाया जायेगा. 

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swami ramdev Photograph: (social media)

दिव्यांगजनों के साथ संवाद किया

इस खास अवसर पर पतंजलि योगपीठ के संस्थापक स्वामी रामदेव और संयुक्त महासचिव आचार्य बालकृष्ण मौजूद थे. दोनों ने लाभार्थियों को उपकरण प्रदान किए और आत्मनिर्भरता की राह पर उनका उत्साहवर्धन किया. स्वामी रामदेव ने कहा कि ये दिव्यांग नहीं, दिव्य आत्माएं हैं. इन्हें सहानुभूति नहीं, सशक्तिकरण चाहिए." आचार्य  बालकृष्ण ने शिविर में उपस्थित होकर दिव्यांगजनों के साथ संवाद किया. उन्होंने कहा कि "पतंजलि का उद्देश्य केवल आयुर्वेदिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि प्रत्येक मानव को आत्मनिर्भर बनाना है, यही हमारी राष्ट्र सेवा है." 

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swami ramdev Photograph: (social media)

आत्मबल को सशक्त करने वाला प्रेरणास्रोत 

इस सेवा यज्ञ का आयोजन भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, उद्धार सेवा समिति,अनुभवी चिकित्सकों,  दक्ष टेक्नीशियनों तथा पतंजलि सेवा विभाग के सेवाभावी कार्यकर्ताओं के सहयोग से संपन्न हुआ. शिविर में उपकरण वितरण के अतिरिक्त लाभार्थियों के लिए नाप-जोख, फिटिंग, फिजियोथेरेपी और परामर्श की भी समुचित व्यवस्था  की गई थी.

यह आयोजन न केवल शारीरिक सहायता का माध्यम बना, बल्कि दिव्यांगजनों के आत्मबल को सशक्त करने वाला प्रेरणास्रोत भी तय हुआ. पतंजलि योगपीठ की यह पहल मानव सेवा और राष्ट्र सेवा के प्रति उसकी  गहन प्रतिबद्धता को दर्शाती है. शिविर में मुख्य रूप से स्वामी विदेहदेव, स्वामी पुण्य देव, बहन पूजा आदि के  साथ शिविर में उद्धार टीम मैनेजमेंट के लोग मौजूद रहे. शिविर क़ो सफल बनाने में संजय, रुचिका अग्रवाल, श्रुति, प्रधुमन, रवि, दिव्यांशु, कृष्णा, निहारिका, दिव्या, दीनदयाल आदि का सहयोग रहा.

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