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भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घिरी त्रिवेंद्र सरकार, स्पीकर ने विपक्ष की मांग पर दी चर्चा की मंजूरी

उत्तराखंड विधानसभा सत्र के तीसरे दिन की भी कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. घोटाले के मुद्दे पर सदन में विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा काटा.

Updated on: 23 Dec 2020, 05:14 PM

देहरादून:

उत्तराखंड विधानसभा सत्र के तीसरे दिन की भी कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. घोटाले के मुद्दे पर सदन में विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा काटा. कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार की कंपनी का मामला सदन में उठाया. जिस पर चर्चा की मांग करते हुए कांग्रेस विधायकों ने जमकर हंगामा किया. हालांकि विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस विधायक की मांग को स्वीकार करते हुए इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मंजूरी दे दी है. सीएम के औघोगिक सलाहकार सवालों के घेरे में घिर गए हैं. उनपर 180 करोड़ से ज्यादा की मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा है. फर्जी दस्तावेज के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. CM के करीबी पर गंभीर आरोप लगा है. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर त्रिवेंद्र सरकार घिर गई है.  

सदन में आज विपक्ष ने मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार की कंपनी का उठाया मुद्दा. हालांकि पहले विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहे हुए मना कर दिया कि जो मामला कोर्ट में उस पर सदन में नहीं हो सकती चर्चा. जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया. सदन में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि बीजेपी के दो विधायकों ने भी भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया. वहीं कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामले पर सदन में बात ही नहीं करना चाहती है. विपक्ष ने नियम 310 के तहत भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर चर्चा की मांग. जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 58 के तहत काजी निजामुद्दीन के मामले को सुनने की कही बात. बता दें कि मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार की कंपनी के मुद्दे पर विपक्ष हंगामा कर रहा है. विपक्ष लगातार कंपनी पर दस्तावेजों में फर्जीवाड़े का आरोप लगा रहा है. 180 करोड़ रुपये से ज्यादा मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप कांग्रेस लगा रही है.