पहाड़ों की रानी मसूरी में आने वाले पर्यटकों को अब चार धाम यात्रा की तरह ही रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा सरकार की यह नीति एक अगस्त से शुरू हो गई है. इसके दायरे में राज्य से बाहर के सभी पर्यटक आएंगे जो मसूरी घूमने की योजना बना रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस नई पंजीकरण व्यवस्था को सुरक्षा के लिए बेहद आवश्यक बताया है. इससे मसूरी आने वाले पर्यटकों की सटीक जानकारी का पता चल पाएगा.
सटीक आंकड़ा सरकार को नहीं मिल पा रहा था
उत्तराखंड की हसीन वादियों और खुशनुमा मौसम का मजा लेने के लिए हर साल पर्यटकों की बड़ी संख्या अलग-अलग पर्यटक स्थलों पर पहुंचती है. इसमें सबसे ज्यादा लोग चार धाम यात्रा और पहाड़ों की रानी और पहाड़ों की रानी मसूरी पहुंचते हैं. हालांकि चार धाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालु अपना पंजीकरण करने के बाद ही चार धाम यात्रा के लिए उत्तराखंड पहुंचते हैं लेकिन पहाड़ों की रानी मसूरी में पर्यटकों के लिए ऐसी कोई भी व्यवस्था नहीं थी, जिसे मसूरी में आने वाले पर्यटकों की सटीक आंकड़ा सरकार को नहीं मिल पा रहा था. यही कारण है कि आज सरकार ने नई व्यवस्था लागू कर दी है.
सबसे अधिक वाहनों की पार्किंग की समस्या
इसके तहत उत्तराखंड से बाहर से मसूरी पहुंचने वाले यात्रियों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना जरूरी होगा. इसके बाद ही पर्यटक मसूरी का दीदार कर सकेंगे पंजीकरण के दौरान पर्यटकों को उत्तराखंड पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. आज से यह व्यवस्था लागू कर दी गई है. मसूरी होटल एसोसिएशन के महासचिव अजय भार्गव ने बताया कि एनजीटी के निर्देशों के बाद सरकार ने मसूरी पहुंचने वाले पर्यटकों की सटीक जानकारी के साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से भी यह कदम उठाया है. होटल व्यवसायी अनिल गोदियाल ने बताया कि मसूरी में लगातार जाम और बढ़ती पर्यटकों की संख्या को लेकर यह निर्णय लिया गया है और यहां पर सबसे अधिक वाहनों की पार्किंग की समस्या है.