साल 2023 में जब तुर्किए में भूकंप आया तो उस समय एनडीआरएफ की जूली, रोमियो और रैंबो ने कई जिंदगियों को बचाया. साल 2013 की तबाही में भी इन देवदूतों ने कई जिंदगियों को बचाया. अब धराली में भी यही उम्मीद है. स्निफर डॉग लगातार यहां पर फंसे हुए लोगों को खोजने का प्रयास कर रहे हैं. जहां पर मशीने नहीं पहुंच पाती हैं, यहां पर ये स्निफर डॉग देवदूतों की तरह काम कर रहे हैं. ये खोजी कुत्ते जमीन से संकेतों को पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं. धराली में आपदा आने के बाद से इमारतें जमींदोज हो चुकी है, सड़कों पर चारो तरफ मलबा फैला हुआ है. इस दौरान यह स्निफर डॉग दबी जिंदगियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं.
न्यूज नेशन से बातचीत में एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि यह इन स्निफर डॉग को 56 हफ्तों का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके बाद यह 10 मीटर के अंदर दबे लोगों को खोज निकालते हैं. लाइव सेंट सर्च डॉग और कैडेवर सर्च डॉग दो तरह के वर्ग होते है. लाइव सेंट सर्च डॉग जिंदा लोगों को बचाते हैं. कैडेबर सर्च डॉग मरे हुए लोगों को बचाते हैं. इन खोजी कुत्तों की सूंघने की क्षमता कमाल होती है. इन्हें इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. रेत में पांच फीट तक इनकी सूंघने की क्षमता होती है. वहीं बर्फ में भी इनकी खोजबीन की क्षमता गजब की होती है.