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पूर्व सीएम हरीश रावत को सौंपी गई उत्तराखंड विधानसभा चुनावों की बागडोर, ये है कांग्रेस की चुनावी रणनीति

पंजाब कांग्रेस में शांति स्थापित करने के बाद अब कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं को एकजुट करना होगा. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) को चुनावी प्रचार कमेटी का चेहरा नियुक्त कर दिया है.

Updated on: 27 Jul 2021, 11:27 AM

highlights

  • कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं को एकजुट करना
  • कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों की बागडोर पूर्व सीएम हरीश रावत को सौंपी
  • नवनियुक्त कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी चुनावों में सक्रिय भूमिका निभायेंगे

देहरादून:

पंजाब कांग्रेस में शांति स्थापित करने के बाद अब कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं को एकजुट करना होगा. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) को चुनावी प्रचार कमेटी का चेहरा नियुक्त कर दिया है. मानें, उत्तराखंड चुनावों में कांग्रेस वोट के लिए हरीश रावत (Harish Rawat) के नाम और चेहरे दोनों को भुनाएगी. इसकी वजह यह है कि पहले तो पूर्व सीएम हरीश रावत कुमाऊं क्षेत्र से हैं और इसके अलावा गढ़वाल और मैदानी इलाकों में भी उन्हें लोगों का काफी समर्थन प्राप्त है. हरीश रावत कांग्रेस के अकेले ऐसे नेता हैं, जिसे प्रदेश के तीन बड़े क्षेत्रों में लोगों का सहयोग प्राप्त है.

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गणेश गोदियाल (Ganesh Godiyal) की भी देंगे हरीश रावत (Harish Rawat) का साथ

हरीश रावत के साथ उनके विश्वासपात्र और नवनियुक्त उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी चुनावों में सक्रिय भूमिका निभायेंगे. बता दें कि गणेश गोदियाल प्रीतम सिंह को हटाकर प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं. प्रीतम सिंह अब प्रदेश में नेता विपक्ष हैं. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के विभिन्न समितियों के बड़े नेताओं को समायोजित करने में लगी है. अभी पंजाब कांग्रेस के नक्शे कदम पर उत्तराखंड में भी चार कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष को नियुक्त किया गया है. नई समितियों का गठन स्पष्ट रूप से 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री रावत के राजनीतिक हित के अनुकूल है. नई समितियों के गठन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की टिकट वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी.

एक सूत्र ने बताया कि रावत का महत्व प्रदेश के गढ़वाल क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष गोदियाल और विपक्ष के नेता सिंह दोनों की नियुक्ति में स्वतः ही झलकता है.
इसका मतलब है कि कुमाऊं क्षेत्र में पार्टी की बागडोर रावत को दी गई है. वैसे अब विधानसभा चुनावों में हरीश रावत के सामने पार्टी के लिए अच्छे परिणाम सुनिश्चित करने की चुनौती भी कम कठिन नहीं है, क्योंकि उत्तराखंड में बीजेपी के बड़े नेता वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट भी कुमाऊं क्षेत्र से ही हैं.