उत्तराखंड के पहाड़ों पर गेहूं काटतीं महिलाओं का निराला अंदाज, कुमाऊनी गीत पर गुनगुनाते कर रही हैं मदद

बागेश्वर ग्रीन जोन वाला जनपद है जहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

बागेश्वर ग्रीन जोन वाला जनपद है जहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का एक भी मामला सामने नहीं आया है.

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Sushil Kumar
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पहाड़ पर गेहूं काटतीं महिलाएं( Photo Credit : फाइल फोटो)

देशभर में किसान इन दिनों गेंहू (Wheat) की फसल काटते नजर आ रहे हैं. लेकिन उत्तराखंड (Uttarakhand) के पहाड़ों पर गेहूं की फसल काटती महिलाओं का अंदाज ही निराला है. पहाड़ों में अक्सर फसल की कटाई पारस्परिक सहयोग से की जाती है. गांव के सभी लोग मिलकर एक दूसरे की फसल काटते हैं जिसके लिए कोई मेहनताना नहीं दिया जाता है. बल्कि यह सब की जिम्मेदारी होती है कि एक दूसरे का हाथ बटा कर फसल को काटा जाए. उत्तराखंड के बागेश्वर जनपद की ये तस्वीर देखिए, जहां महिलाएं कुमाऊनी गीतों को गाते हुए फसल काट रही हैं.

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महिलाएं अपने कार्य को हंसते हुए मुकुराते हुए कर रही हैं

बता दें कि बागेश्वर ग्रीन जोन वाला जनपद है जहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों का एक भी मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में भले ही लॉक डाउन को 1 महीने से ज्यादा का वक्त हो चला है, लेकिन गांव की इन महिलाओं को देखिए कैसे कुमाऊनी गीत पर गुनगुनाते हुए अपनी फसल को काट रहे हैं. बागेश्वर जनपद के धपोला शेरा की ये महिलाएं अपने कार्य को हंसते हुए मुकुराते हुए कर रही हैं. लॉक डाउन में पहाड़ की ऐसी तस्वीरे हर किसी को प्रेरणा दे रही हैं. क्योंकि उत्तराखंड में महिलाओं को परिवार और आर्थिकी की रीढ़ कहा जाता है.

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