लाड़ले को बचाने के लिए 'शेरनी' बन गई मां, बेटे के लिए गुलदार से भिड़ी, उल्टे पैर भागने को मजबूर हुआ आदमखोर

Tehri Garhwal Leopard Attack: उत्तराखंड के टिहरी-गढ़वाल क्षेत्र में इस वक्त एक मां की चर्चा हर तरफ हो रही है. बताया जा रहा है कि यहां एक महिला अपने बच्चे को बचाने के लिए एक गुलदार से भिड़ गई.

Tehri Garhwal Leopard Attack: उत्तराखंड के टिहरी-गढ़वाल क्षेत्र में इस वक्त एक मां की चर्चा हर तरफ हो रही है. बताया जा रहा है कि यहां एक महिला अपने बच्चे को बचाने के लिए एक गुलदार से भिड़ गई.

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Yashodhan.Sharma
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Representational Image Photograph: (social)

Uttarakhand: कहते हैं कि मां सिर्फ जन्म नहीं देती, बल्कि वक्त आने पर बच्चे के लिए मौत से भी लड़ सकती है. ऐसा ही कुछ उत्तराखंड में देखने को मिला जहां एक मां अपने बच्चे को बचाने के लिए एक गुलदार से भिड़ गई. पूरा मामला प्रतापनगर विकासखंड का है जहां के ग्राम पंचायत ओनाल गांव में एक मां ने अपने अद्भुत साहस और हिम्मत का परिचय देते हुए अपने बच्चे को गुलदार के हमले से बचा लिया. सोमवार रात करीब 8 बजे यह घटना उस समय हुई, जब चार वर्षीय गणेश अपने घर के आंगन में खेल रहा था. झाड़ियों में छिपे गुलदार ने अचानक बच्चे पर हमला कर दिया.

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ऐसे मां ने गुलदार को बचाया

गणेश की मां अंगुरा देवी ने जब यह देखा तो बिना किसी डर के गुलदार से भिड़ गई. उन्होंने तुरंत गुलदार की पूंछ पकड़ ली और उसे पीछे खींचने लगीं. काफी देर तक संघर्ष के बाद उन्होंने अपने बच्चे को गुलदार के चंगुल से छुड़ा लिया. मां की बहादुरी से घबराकर गुलदार वहां से भाग गया.

कैसा है मासूम का हाल

घटना के बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंच गए और घायल बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, चौंड ले जाया गया. वहां से प्राथमिक इलाज के बाद बच्चे को जिला अस्पताल नई टिहरी रेफर कर दिया गया. डॉक्टरों के अनुसार, बच्चे की हालत अब स्थिर है और खतरे से बाहर है.

सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली. वन वीट अधिकारी मोहित सैनी ने बताया कि घटना की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है और पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता दी जाएगी.

इलाके में बढ़ी गश्ती

ग्रामीणों ने अंगुरा देवी के साहस की जमकर सराहना की है और सरकार से उन्हें सम्मानित करने की मांग की है. गांव के लोगों का कहना है कि ऐसे जज़्बे को सलाम किया जाना चाहिए, जो हर मां के भीतर छिपी ताकत का प्रतीक है. वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपने घरों के आसपास की झाड़ियों को नियमित रूप से साफ रखें ताकि जंगली जानवरों की मौजूदगी समय रहते पता चल सके. साथ ही इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

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