New Update
/newsnation/media/post_attachments/images/2020/05/22/chardham-35.jpg)
चार धाम क्षेत्रों के तीर्थ पुरोहितों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया( Photo Credit : न्यूज नेशन)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
चार धाम क्षेत्रों के तीर्थ पुरोहितों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया( Photo Credit : न्यूज नेशन)
देवस्थानम बोर्ड को लेकर विवाद फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा. चार धाम क्षेत्रों के तीर्थ पुरोहितों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. प्रचंड बहुमत की सरकार में विधानसभा से आसानी से देवस्थानम बोर्ड एक्ट को सरकार के लिए पास कराना भले ही बहुत आसान रहा हो लेकिन अब यह सरकार के गले की फांस बन चुका है देखिए देवस्थानम बोर्ड को लेकर यह स्पेशल रिपोर्ट. 5 दिसम्बर 2019 को उत्तराखंड विधानसभा से देवस्थानम विधेयक को पूर्ण बहुमत के साथ पारित किया गया . 14 जनवरी 2020 राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के हस्ताक्षर के बाद देवस्थानम विधेयक कानून बन गया. जिसके बाद साल 2020 में ही पहली बार सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया. जिसमें सीनियर आईएएस अधिकारी और गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन को मुख्य कार्यकारी अधिकारी और बद्री केदार मंदिर समिति में मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीड़ी सिंह को देवस्थानम बोर्ड में अपर कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया गया इसके अलावा चार धाम क्षेत्रों के विधायकों को बोर्ड में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया.
देवस्थानम एक्ट से लेकर बोर्ड के गठन तक सभी चार धाम क्षेत्रों के तीर्थ पुरोहितों का विरोध लगातार जारी रहा. देवस्थानम बोर्ड के गठन के बाद चारधाम समेत बोर्ड में शामिल सभी मंदिरों के वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी बोर्ड के पास रहेगी. हालांकि अब सरकार ने 3 दिन पहले देश के उद्योगपति अनंत अंबानी सज्जन जिंदल और दिल्ली के कारोबारी महेंद्र शर्मा को भी इसमें सदस्य नामित किया है. चार धाम क्षेत्रों के 5 तीर्थ पुरोहितों को भी सदस्य बनाया गया है.
कुछ दिनों पहले उत्तराखंड के पर्यटन और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने देवस्थानम बोर्ड के मामले में पुनर्विचार नहीं होने का बयान दिया था सतपाल महाराज ने कहा था कि अभी इस मामले में कोई पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है जिसके बाद सतपाल महाराज से लेकर सरकार का विरोध सभी चार धाम क्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. हालात यहां तक बिगड़ चुके हैं कि चार धाम क्षेत्रों के तीर्थ पुरोहित काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
तीर्थ पुरोहितों की ओर से देवस्थानम बोर्ड के फैसले को हाईकोर्ट में भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी चुनौती दी थी हालांकि कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मामले पर दो टूक कह चुके थे कि किसी भी तरह बोर्ड के फैसले को वापस नहीं लिया जाएगा.
प्रदेश में मुख्यमंत्री पद में बदलाव होने के बाद नई मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार में विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में साफ तौर पर कहा था कि देवस्थानम बोर्ड से 51 मंदिरों को बाहर किया जाएगा. लेकिन मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद आप सतपाल महाराज के बयान के बाद तीर्थ पुरोहित नाराज हो गए हैं और उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को अपना वादा निभाना चाहिए.
इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि मुख्यमंत्री साफ कह चुके हैं वह सभी पक्षों से बात करेंगे ऐसे में सभी को धैर्य रखना चाहिए लोकतंत्र में सभी को बात रखने का हक है और जल्द ही इस मामले में सरकार के स्तर पर फैसला लिया जाएगा. हालांकि अपने ही विधायक विनोद चमोली के बयान को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी चुप है .
चार धाम देवस्थानम बोर्ड के मामले में कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि इस मामले में कांग्रेस सिर्फ राजनीति कर रही है कांग्रेस ने सत्ता में आएगी और ना ही बोर्ड को भंग करेगी
Source : News Nation Bureau