उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान जारी

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने से आए बाढ़ के तीन दिन बाद भी बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मलपा में खराब मौसम और मुश्किल हालात होने के कारण अभियान में बाधा आ रही है।

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने से आए बाढ़ के तीन दिन बाद भी बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मलपा में खराब मौसम और मुश्किल हालात होने के कारण अभियान में बाधा आ रही है।

author-image
sankalp thakur
एडिट
New Update
उत्तराखंड में बाढ़ प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान जारी

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में बादल फटने से आए बाढ़ के तीन दिन बाद भी बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मलपा में खराब मौसम और मुश्किल हालात होने के कारण अभियान में बाधा आ रही है।

Advertisment

अधिकारियों ने मृतकों की संख्या बढ़ने का अंदेशा जताया है। अब तक 17 लोग मारे जा चुके हैं और जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) और पांच सैन्यकर्मियों सहित 30 से ज्यादा लापता हैं।

लापता लोगों का पता लगाने के लिए मलपा और घाटिबागढ़ में उचित तरीके से बचाव अभियान शुरू होना अभी बाकी है। बचाव अभियान में सशस्त्र सीमा बल और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान शामिल हैं।

राज्य सरकार ने बचाव कार्य के लिए एक हेलिकॉप्टर भी दिया है, जो पिथौरागढ़ में तैनात है। एक जेसीओ और दो अन्य सेना के जवान मंगलवार को मलबे के बीच पाए गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

डुंगडुंग में सोमवार सुबह बादल फटा और मलपा में भी 7,000 फीट की ऊंचाई पर बादल फटा, जिसे मलपा नहर, नानगाद व थुलगाद और सिमखोला नदी में बाढ़ आ गई। तेज बहाव की चपेट में आकर तीन होटल, एक आर्मी ट्रांजिट कैम्प और कई लोगों सहित वाहन बह गए।

एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि अब तक छह शव बरामद किए जा चुके हैं और तलाशी अभियान जारी है।

Source : IANS

Uttarakhand flood
      
Advertisment