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उत्तरकाशी में बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी, मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 12 पहुंचा

प्रभावित लोगों को हेलिकॉप्टरों के जरिए पीने का पानी, खाने के पैकेट, कंबल और दवाइयां भेजी जा रही हैं.

Updated on: 20 Aug 2019, 01:44 PM

नई दिल्ली:

उत्तरकाशी के मोरी तहसील इलाके में बादल फटने के बाद आई भयंकर तबाही से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 12 पहुंच गया है. मारे गए सभी 12 लोगों के शवों को बरामद कर लिया गया है. जिनमें से 11 शवों की शिनाख्य हो चुकी है, जबकि एक की पहचान बाकी है. पांच लोग अब भी लापता हैं. उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से एक दर्जन से ज्यादा गांवों में तबाही मची है. भारतीय वायुसेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की ओर से बड़े स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है.

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उत्तराखंड में सोमवार को दो और शव मिलने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. उत्तरकाशी आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सोमवार को मौसम साफ होने के बाद बचाव अभियान को गति दी गई तो शाम में मकुदी से दो शव मिले. अब तक मकुदी में मलबे में से 6, अराकोट से 4 और तिकोची और सनेल से 1-1 शव को निकाला गया है. मोरी खंड में बादल फटने से 60 मवेशी भी मारे गए हैं. बाढ़ से प्रभावित इलाकों में बिजली, पानी और संचार सेवा ठप हो चुकी है.

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प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. लोगों को हेलिकॉप्टरों के जरिए पीने का पानी, खाने के पैकेट, कंबल और दवाइयां भेजी जा रही हैं. लोगों तक खाने के पैकेट, राशन और जरूरी दवाइयां पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर सहित 3 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है. उत्तराखंड में अधिकतर नदियां उफान पर हैं. गंगा नदी हरिद्वार में खतरे के निशान को पार कर गई है और ऋषिकेश में खतरे के निशान के करीब बह रही है.

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