उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता की तैयारी, यूपी में भी मांग हुई तेज

उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगी. राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द को किसी भी कीमत पर बाधित नहीं होने दिया जाएगा.

उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगी. राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द को किसी भी कीमत पर बाधित नहीं होने दिया जाएगा.

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Pradeep Singh
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CM पुष्कर सिंह धामी( Photo Credit : News Nation)

भाजपा लंबे समय से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की मांग करती रही है. देश में एक बार फिर समान नागरिक संहिता की मांग तेजी से बढ़ रही है. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों ने एक समान कानून बनाने पर काम शुरू कर दिया है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा चुनाव के पहले से ही समान नागरिक संहिता लागू करने की बात करते रहे हैं. अब वह कह रहे हैं कि उत्तराखंड सरकार समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करेगी. राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द को किसी भी कीमत पर बाधित नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि एक बार उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो जाने के बाद अन्य राज्यों को भी इसका पालन करना चाहिए.

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उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश भी समान नागरिक संहिता को लागू करने की अपनी योजना को आगे बढ़ा रहा है, जबकि अन्य राज्यों के नेताओं ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया है. बता दें कि समान नागरिक संहिता शादी, तलाक, संपत्ति और गोद लेने जैसे मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होता है. समान संहिता संविधान के अनुच्छेद 44 के अंतर्गत आती है. इसमें कहा गया है कि पूरे भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा.

उत्तराखंड में मार्च में सत्ता में आने से पहले पुष्कर सिंह धामी ने समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था. इससे पहले शनिवार को उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा और राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द को किसी भी कीमत पर बाधित नहीं होने दिया जाएगा. धामी ने कहा कि कैबिनेट ने अपनी पहली बैठक में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञों के एक उच्च स्तरीय पैनल के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि जल्द ही पैनल का गठन किया जाएगा.

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उत्तर प्रदेश में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तराखंड सरकार के प्रस्ताव के बाद उत्तर प्रदेश सरकार भी राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में गंभीरता से विचार कर रही है. मौर्य ने शनिवार को देश और राज्य स्तर पर समान नागरिक संहिता को तेजी से लागू करने का समर्थन करते हुए यह खुलासा किया. उन्होंने कहा कि इसका सभी को स्वागत करना चाहिए. एक देश में सभी के लिए एक कानून समय की मांग है. यह आवश्यक है कि हम एक व्यक्ति के लिए एक कानून और दूसरे के लिए दूसरे कानून की व्यवस्था से बाहर निकलें.

उन्होंने कहा कि जिस तरह उत्तराखंड सरकार ने कदम उठाए हैं, यूपी और अन्य राज्यों में भी जहां भाजपा की सरकार है, वहां समान नागरिक संहिता लागू होनी चाहिए. हालांकि, समान नागरिक संहिता के कार्यान्वयन के मुद्दे को मुस्लिम निकायों के अलावा विपक्ष का भी समर्थन नहीं है. उधर वरिष्ठ समाजवादी नेता शिवपाल सिंह यादव ने समान नागरिक संहिता का आह्वान किया है, उनकी यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ उनकी बढ़ती निकटता के एक और संकेत के रूप में देखी जा रही है.

HIGHLIGHTS

  • उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की योजना
  • समान नागरिक संहिता शादी, तलाक, संपत्ति और गोद में सभी समुदायों पर लागू होता है
CM Pushkar Singh Dhami Uniform Civil Code Keshav Prasad Maurya cm yogi aditya nath
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