logo-image

उत्तराखंड : कोरोना को हराने दिन-रात ड्यूटी कर रहे पुलिस ने जुटाये 3 करोड़

इतना ही नहीं इन तमाम सराहनीय कोशिशों के संग उत्तराखंड राज्य पुलिस ने अब अपने वेतन में से 3 करोड़ रुपये भी कोरोना से लड़ी जा रही लड़ाई की खातिर इकट्ठे किये हैं.

Updated on: 19 Apr 2020, 03:40 PM

देहरादून:

Coronavirus (Covid-19): कोरोना को बेदम करने के लिए उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) दिन-रात तन-मन-धन से जुटी है. अधिकांश पुलिसकर्मी घर जाने के बजाये थाने चौकी में ही ड्यूटी के बाद का बचा हुआ वक्त काट रहे हैं, ताकि वे घर आने जाने का वक्त बचाकर उसे भी ड्यूटी में लगा सकें. साथ ही उनके इस कदम से किसी अन्य के संक्रमित (Infection) होने का अंदेशा भी नहीं रहेगा. इतना ही नहीं इन तमाम सराहनीय कोशिशों के संग उत्तराखंड राज्य पुलिस ने अब अपने वेतन में से 3 करोड़ रुपये भी कोरोना से लड़ी जा रही लड़ाई की खातिर इकट्ठे किये हैं. यह जानकारी रविवार को उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक कानून एवं अपराध अशोक कुमार ने दी.

यह भी पढ़ें- 'जो लोग कोरोना संक्रमण छिपा और फैला रहे हैं, उनपर दर्ज हो Attempt to murder का केस'

चेन तोड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरुरी

अशोक कुमार रविवार को टेलीफोन पर आईएएनएस विशेष बातचीत कर रहे थे. उन्होंने आगे कहा, "कोरोना (Coronavirus (Covid-19), Lockdown Part 2 Day 1, Lockdown 2.0 Day one, Corona Virus In India, Corona In India, Covid-19) सिर्फ बीमारी नहीं है. यह महामारी है. इससे निपटने के लिए एकसूत्र और एकजुटता की बड़ी महत्ता है. इससे लड़ाई अकेले नहीं लड़ी जा सकती. इसकी चेन तोड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरुरी है. एक सवाल के जवाब में अशोक कुमार ने कहा, "दरअसल मैं अपनी आँख से देख रहा हूं कि, राज्य का हर पुलिसकर्मी किस तरह ईमानदारी और स्वेच्छा से इस लड़ाई को हराने के लिए जूझ रहा है. यही वजह है कि तमाम पुलिसकर्मियों ने स्वेच्छा से तय किया है कि, वे ज्यादा से ज्यादा वक्त इस मुसीबत में आमजन को दे सकें. कोरोना से आमजन को अलर्ट करने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मी थाने-चौकी में ही विश्राम कर ले रहे हैं. इससे दो फायदे हुए.

यह भी पढ़ें-  प्रियंका गांधी ने योगी सरकार से की भावुक अपील, बोलीं- ये मजदूर भी आपके ही तो हैं

नहीं कोई परेशानी नहीं आई

पहला फायदा इन पुलिसकर्मियों के घर आने जाने में लगने वाला वक्त बच गया. साथ ही कोरोना जैसी महामारी के बीच ड्यूटी करने के बाद पुलिसकर्मी समाज के बाकी (सुरक्षित बचे लोगों से) बचे लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग भी कायम कर पाने में सफल हो रहे हैं. वो चाहे घर के सदस्य हों या फिर समाज के लोग. उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य के सीमित पुलिस बल द्वारा कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए तीन करोड़ रुपये जैसी बड़ी धनराशि इकट्ठी करने में किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ा? पूछे जाने पर उत्तराखंड पुलिस के महानिदेशक कानून-अपराध एवं व्यवस्था ने कहा, "नहीं कोई परेशानी नहीं आई.

यह भी पढ़ें- धनबाद में रेलवे का ट्रैकमैन कोरोना वायरस संक्रमित, राज्य में संक्रमितों की संख्या 34 हुई

तीन करोड़ जैसी बड़ी आर्थिक धनराशि ताज्जुब की बात

सब कुछ पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी जी से डिस्कस हुआ.उसके बाद एक आवाज में तय हो गया कि, राज्य पुलिस कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए आर्थिक सहयोग करेगी. लिहाजा देखते-देखते राज्य के पुलिसकर्मियों ने तीन करोड़ रुपया कब मुख्यमंत्री राहत कोष फंड के लिए एकत्रित कर लिया पता ही नहीं चला. उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य की पुलिस द्वारा तीन करोड़ जैसी बड़ी आर्थिक धनराशि मदद के रुप में इकट्ठी कर लेना ताज्जुब की बात है? इस सवाल के जबाब में उन्होंने फिर कहा, "आपका मन और उद्देश्य साफ होने चाहिए. फिर कोई काम कठिन नहीं है. और फिर जब आप स्वेच्छा से किसी काम को करते हैं तो वो आपके रास्ते को और भी आसाना बना देता है."