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'केदारनाथ की आरती करते हुए भावुक हो गए थे पीएम, आंखों से निकलने लगे थे आंसू'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पिछली बार केदारनाथ शिव की आराधना करने आए थे. तब 40 मिनट की कुल पूजा में उन्होंने 5 बार शिव का घी, दूध और जल से रुद्राभिषेक किया और जब आरती का समय आया तो पीएम मोदी की आंखों से अश्रु की भक्ति धार निकलने लगी.

Updated on: 03 Oct 2019, 11:57 AM

रुद्रप्रयाग:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पिछली बार केदारनाथ शिव की आराधना करने आए थे. तब 40 मिनट की कुल पूजा में उन्होंने 5 बार शिव का घी, दूध और जल से रुद्राभिषेक किया और जब आरती का समय आया तो पीएम मोदी की आंखों से अश्रु की भक्ति धार निकलने लगी. यह बातें केदारनाथ मंदिर के मुख्य पुरोहित ने न्यूज स्टेट को बताई. उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान पीएम मोदी बहुत भावुक हो गए थे.

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आदि शंकराचार्य के समय से ही केदारनाथ के मुख्य पुजारी, केदारनाथ श्री लिंग या रावल कहे जाने वाले पुरोहित दक्षिण भारत से आते हैं. यह वही मुख्य पुजारी हैं जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2019 में केदारनाथ की विशेष पूजा अर्चना करवाई थी. इसी दौरान पीएम मोदी करीब 40 घंटे तक केदारनाथ मंदिर से 3 किलोमीटर ऊपर मौन गुफा में साधना प्रवास पर थे.

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यह उस दौर की बात है ,जब एक चरण को छोड़ बाकी सभी चरणों के मतदान हो चुके थे. पूरे देश में राजनीति ज्वार पर थी और पीएम मोदी केदारनाथ में शिव की उपासना करके मौन गुफा में ध्यान साधना कर रहे थे. तभी केदारनाथ के मुख्य पुजारी रावल जी ने पीएम मोदी को कहा था कि, आप जैसा धर्म पालक राष्ट्रभक्त विरले ही मिलते हैं. भगवान शिव के आशीर्वाद से अगले प्रधानमंत्री भी आप ही बनेंगे.

शिव की उपासना में छलके मोदी के आंसू

रावल जी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब पिछली बार केदारनाथ शिव की आराधना करने आए थे. तब 40 मिनट की कुल पूजा में उन्होंने 5 बार शिव का घी, दूध और जल से रुद्राभिषेक किया. आरती का समय आया तो पीएम मोदी की आंखों से अश्रु की भक्ति धार निकलने लगी. इतनी भक्ति की शक्ति वाले प्रधानमंत्री को मैंने कभी नहीं देखा.

नवरात्रों में शिव और शक्ति की पूजा अनिवार्य

शरद नवरात्रों के समय केदारनाथ दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की अपार भीड़ आती है. इस समय शिव के साथ शक्ति की पूजा भी अनिवार्य है. शिव को वैसे भी अर्धनारीश्वर के रूप में पूजा जाता है. अगर शिव के साथ शक्ति की पूजा नहीं हो तो वह पूजा पूरी नहीं हो पाती. शक्ति के साथ ही शिव शिव हैं, नहीं तो शिव शव के समान है.

केदार का हो रहा विकास

केदार नाथ मंदिर के करीब हो रहे विकास को लेकर रावजी कहते हैं कि अभी भी केदारनाथ धाम में 500 करोड़ रुपये से अधिक का विकास कार्य चलाया जा रहा है. मंदाकिनी और सरस्वती नदी की सीमेंट से बैरिकेडिंग की गई है. रास्तों को चौड़ा और सुंदर बनाया गया है. इतनी जल्दी इतनी विकास को देखकर मैं खुद भी चकित हूं.