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उत्तराखंड: पंचेश्वर बांध बनने से डूब जाएंगे 3 लाख से ज्यादा पेड़

भारत और नेपाल के संयुक्त उपक्रम पंचेश्वर बांध की विस्तृत परियाजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने वाली वाप्कोस कंपनी ने प्रस्तावित बांध के प्रमुख जलमग्न क्षेत्र में पेड़ों की गिनती के लिए चंपावत वन प्रभाग को 23.09 लाख रुपये की धनराशि जारी की थी.

Updated on: 22 Sep 2020, 04:56 PM

पिथौरागढ़:

उत्तराखंड में प्रस्तावित पंचेश्वर बांध परियोजना में अकेले चंपावत जिले में ही तीन लाख से अधिक पेड़ डूब जाएंगे. क्षेत्र में पेड़ों की गिनती पूरी होने के बाद वन रेंज अधिकारी हेम चंद गहतोरी ने कहा, "हमारे अनुमान के मुताबिक वन भूमि में लगे तीन लाख से अधिक पेड़ केवल चंपावत जिले में ही बांध के पानी में डूब जाएंगे." हालांकि, उन्होंने कहा कि निजी भूमि में लगे पेड़ों की गिनती अभी शुरू नहीं हुई है.

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अधिकारी के अनुसार, भारत और नेपाल के संयुक्त उपक्रम पंचेश्वर बांध की विस्तृत परियाजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने वाली वाप्कोस कंपनी ने प्रस्तावित बांध के प्रमुख जलमग्न क्षेत्र में पेड़ों की गिनती के लिए चंपावत वन प्रभाग को 23.09 लाख रुपये की धनराशि जारी की थी.

पेड़ों की गिनती की कवायद में लगे गहतोरी ने कहा, " 500 हेक्टेअर क्षेत्र में पेड़ों की गिनती की गयी और इसमें 36 दिन लगे .' वन रेंज अधिकारी दिनेश चंद्र जोशी ने कहा कि पिथौरागढ़ वन प्रभाग में भी 69000 पेड़ बांध के पानी में डूब जाएंगे.