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उत्तराखंड में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की चर्चाएं तेज, ये 5 नेता रेस में

जल्द ही उत्तराखंड भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान हो जाएगा। 16 जनवरी को उत्तराखंड के नए प्रदेश अध्यक्ष चयन की तारीख का ऐलान हो चुका है। ऐसे में उत्तराखंड भाजपा में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं.

Updated on: 14 Jan 2020, 02:17 PM

देहरादून:

जल्द ही उत्तराखंड भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का ऐलान हो जाएगा. 16 जनवरी को उत्तराखंड के नए प्रदेश अध्यक्ष चयन की तारीख का ऐलान हो चुका है. ऐसे में उत्तराखंड भाजपा में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में कौन-कौन से चेहरे शामिल है आइए जानते हैं.

16 जनवरी को उत्तराखंड भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है. जिसके लिए 15 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी. BJP आलाकमान ने केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को जिम्मेदारी सौंपी है. यह दोनों नेता 15 जनवरी को देहरादून पहुंचेंगे. अगर किसी एक नेता पर सहमति नहीं बनती है तो 16 तारीख को चुनाव कराया जाएगा जिसके लिए 15 तारीख को प्रत्याशी नामांकन भर सकेंगे.

भाजपा (BJP) के नए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अब नए चेहरों को तरजीह दी जाएगी. क्योंकि पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने अपने संसदीय क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जताई है साथ ही उन्होंने नए अध्यक्ष को पूरा सहयोग करने की बात भी मीडिया में जाहिर की है. हालांकि ऐसा नहीं है कि अजय भट्ट दावेदार नहीं हैं. BJP संगठन में एक पक्ष अजय भट्ट को दोबारा कमान देने के पक्ष में भी है. अजय भट्ट भी इस मामले में अपनी हामी हाईकमान को भर चुके हैं. लेकिन अचानक अजय भट्ट के इस तरह के बयानों से ऐसा लगता है कि हाईकमान किसी नए चेहरे को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता है. हालांकि सीएम त्रिवेंद्र रावत (Trivendra Rawat) भी अजय भट्ट को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में नहीं हैं.

उत्तराखंड भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष के लिए कुमाऊ के ही किसी ब्राह्मण चेहरे को पार्टी तलाश रही है. क्योंकि जातीय संतुलन के हिसाब से मुख्यमंत्री राजपूत हैं और गढ़वाल क्षेत्र से संबंध रखते हैं ऐसे में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की जगह नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी जातीय संतुलन का ख्याल रखा जाएगा. पार्टी में ब्राह्मण चेहरे के रूप में कालाढूंगी विधानसभा से विधायक बंशीधर भगत आगे नजर आ रहे हैं. बंशीधर भगत BJP के वरिष्ठ विधायक हैं और पूर्व में दो बार मंत्री रह चुके हैं. जातीय संतुलन के हिसाब से पार्टी के पैरामीटर में बंशीधर भगत खरे उतरते हैं. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी बंशीधर भगत को ही प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर हाईकमान के सामने प्रमोट कर रहे हैं.

कुमाऊ के ब्राह्मण चेहरे के रूप में लाल कुआं से विधायक नवीन चंद दुमका भी शामिल हैं. नवीन दुम्का संघ के करीबी माने जाते हैं और मुख्यमंत्री की गुड बुक में भी जाने जाते हैं. सीधे और सरल स्वभाव के नवीन चंद दुमका की हैसियत से पता चल रही है कि स्वर्गीय प्रकाश पंत जब लाल कुआं विधानसभा से साल 2017 में चुनाव लड़ना चाहते थे तो नवीन चंद दुमका के दबाव के चलते संघ ने साफ तौर पर भाजपा संगठन को प्रकाश पंत की सीट बदलने के निर्देश तक दिए थे.

ब्राह्मण चेहरे के रूप में भाजपा में तीसरे दावेदार के रूप में केदार जोशी भी रेस में बने हुए हैं. केदार जोशी वर्तमान में कुमाऊं मंडल विकास निगम के अध्यक्ष हैं और संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं.

भाजपा अगर जातीय संतुलन को आधार नहीं मानती है तो ऐसे में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और अल्मोड़ा से पार्टी के सांसद अजय टम्टा की लॉटरी भी लग सकती है अजय टम्टा को अध्यक्ष बनाकर भाजपा दलित समुदाय में बढ़ा संदेश देने की कोशिश कर सकती है. हालांकि अजय टम्टा अनुभव के लिहाज से संगठन के नेताओं की पसंद नहीं है.

पार्टी में अगर युवाओं को तरजीह दी जाती है तो खटीमा से पार्टी के विधायक और वरिष्ठ नेता पुष्कर सिंह धामी को भी अध्यक्ष बनाया जा सकता है हालांकि इसकी संभावनाएं कम है क्योंकि जातीय संतुलन भाजपा की पहली प्राथमिकता रहेगी.