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गुजरात और महाराष्ट्र की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी ट्रैफिक चालान हुआ कम

उत्तराखंड की राज्य सरकार ने केंद्र के नए मोटर व्हीकल एक्ट के कुछ नियमों की जुर्माना राशि में करीब 50 फीसदी तक की कटौती की गई है.

Updated on: 11 Sep 2019, 11:28 PM

नई दिल्‍ली:

केंद्र सरकार द्वारा एक सितंबर से लागू किए गये नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर पूरे देश के अलग-अलग राज्यों से विरोध के बिगुल बज रहे हैं. पहले गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के बाद अब इस एक्ट में उत्तराखंड सरकार ने आंशिक संशोधन किया है. उत्तराखंड की राज्य सरकार ने केंद्र के नए मोटर व्हीकल एक्ट के कुछ नियमों की जुर्माना राशि में करीब 50 फीसदी तक की कटौती की गई है. वहीं कुछ नियमों में जुर्माना राशि में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

एक सितंबर के बाद से देश में नए ट्रैफिक नियमों के तहत बढ़े हुए चालान में बीजेपी शासित गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में कटौती किए जाने के बाद अब उत्तराखंड ने भी कई नियमों में छूट देने का एलान किया है. उत्तराखंड सरकार ने संशोधित चालान शुल्क की भी घोषणा कर दी है. दूसरी ओर कर्नाटक के सीएम कार्यालय ने भी कहा है कि वह भी गुजरात की राह पर चलने की योजना बना रहे हैं. जबकि गैर बीजेपी शासित राज्यों में अभी ये नियम पूरी तरह से लागू नहीं किए गए हैं. राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने ट्रैफिक के नए नियम लागू नहीं किये हैं वहीं पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी ने इस नए ट्रैफिक नियम को मानवता के विरुद्ध बताया है. 

उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार ने नए नियमों में बदलाव करते हुए बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर छूट देते हुए इस राशि को 2500 कर दिया है. जबकि केंद्र सरकार बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर 5000 रूपये का चालान कर रही है.  इसके अलावा उत्तराखंड सरकार ने लाइसेंस निरस्त करने के बाद भी वाहन चलाते हुए पाए जाने पर प्रदेश में 10 हजार की जगह 5 हजार का ही चालान काटा जाएगा. वहीं मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने पर पहली बार 1000 रुपये और दूसरी बार 5000 रुपये का चालान किया जाएगा.